दो बार नोबेल जीतने वाले महान हस्तियों और पहले विजेताओं की कहानी
नोबेल पुरस्कार विज्ञान, साहित्य और शांति का सबसे बड़ा सम्मान है। कुछ चुनिंदा लोगों ने इसे दो बार जीता। आइए जानें उनकी कहानियां और पहले विजेताओं का जिक्र।

International News: इस साल साहित्य का नोबेल हंगरी के लेखक लास्लो क्रासनाहोरकई को दिया जाएगा। समिति ने उनकी दूरदर्शी और गहन रचनाओं की सराहना की। गुरुवार को यह घोषणा हुई, जो इस हफ्ते का चौथा नोबेल है। इससे पहले चिकित्सा, भौतिकी और रसायन विज्ञान के पुरस्कार घोषित हुए। शुक्रवार को शांति पुरस्कार और सोमवार को अर्थशास्त्र का नोबेल घोषित होगा। सभी पुरस्कार 10 अक्तूबर को दिए जाएंगे, जो अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है।
पुरस्कार की शुरुआत को याद करें
नोबेल पुरस्कार की स्थापना अल्फ्रेड नोबेल ने की थी। वे स्वीडन के उद्योगपति और डायनामाइट के आविष्कारक थे, जिनका 1896 में निधन हुआ। उनकी वसीयत में यह पुरस्कार उन लोगों को देने का प्रावधान किया गया जो मानवता का भला करें। पहली बार यह सम्मान 1901 में दिया गया। आज यह पुरस्कार पूरी दुनिया में विज्ञान, साहित्य और शांति में महान योगदान के लिए सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है।
पांच दिग्गज जिन्होंने जीते दो बार
इतिहास में अब तक केवल पांच लोगों ने दो बार नोबेल पुरस्कार जीता है। इनमें मैरी क्यूरी, जॉन बार्डीन, फ्रेडरिक सेंगर, लिनस पॉलिंग और कार्ल बैरी शार्पलेस शामिल हैं। यह उपलब्धि दिखाती है कि उन्होंने दुनिया को बदलने में कितनी बड़ी भूमिका निभाई। एक बार नोबेल जीतना ही बड़ी बात है, लेकिन दो बार जीतना लगभग असंभव है। यही वजह है कि ये नाम इतिहास में अलग दर्ज होते हैं।
पहली डबल विजेता मैरी क्यूरी
मैरी क्यूरी पहली महिला थीं जिन्होंने नोबेल जीता और पहली इंसान जिन्होंने इसे दो बार पाया। 1903 में उन्होंने अपने पति पियरे क्यूरी के साथ रेडियोधर्मिता पर शोध के लिए भौतिकी का नोबेल पाया। 1911 में उन्हें रसायन विज्ञान का नोबेल रेडियम और पोलोनियम की खोज और शुद्ध रेडियम अलग करने के लिए मिला। उनकी खोजों ने विज्ञान की दिशा बदल दी और अनगिनत महिलाओं को प्रेरित किया।
अन्य विज्ञान के नोबेल दिग्गज
जॉन बार्डीन को दो बार भौतिकी का नोबेल मिला-पहली बार 1956 में ट्रांजिस्टर के आविष्कार के लिए और दूसरी बार 1972 में अतिचालकता के बीसीएस सिद्धांत के लिए। फ्रेडरिक सेंगर ने 1958 में इंसुलिन की संरचना निर्धारित करने और 1980 में डीएनए अनुक्रमण विधि विकसित करने के लिए दो रसायन नोबेल जीते। कार्ल बैरी शार्पलेस को 2001 में चिरल उत्प्रेरक खोज और 2022 में क्लिक केमिस्ट्री के लिए सम्मान मिला।
लिनस पॉलिंग की अनोखी कहानी
लिनस पॉलिंग की कहानी खास है क्योंकि उन्होंने दो अलग क्षेत्रों में नोबेल जीता। 1954 में उन्हें रासायनिक बंधों पर रिसर्च के लिए रसायन का नोबेल मिला। 1962 में परमाणु हथियारों के खिलाफ अभियान चलाने पर शांति का नोबेल दिया गया। उनका जीवन दिखाता है कि विज्ञान और शांति एक साथ चल सकते हैं। वे प्रयोगशाला और दुनिया दोनों में असर छोड़ने वाले विरले इंसान थे।
1901 के पहले नोबेल विजेता
पहले नोबेल पुरस्कार 1901 में दिए गए। भौतिकी का पुरस्कार विल्हेम रॉन्टगन को एक्स-रे की खोज के लिए मिला। चिकित्सा का नोबेल एमिल वॉन बेह्रिंग को डिप्थीरिया के खिलाफ सीरम थैरेपी के लिए दिया गया। शांति पुरस्कार स्विस नेता जीन-हेनरी डुनैंट और फ्रांसीसी फ्रेडरिक पैसी को मिला। डुनैंट ने रेड क्रॉस की स्थापना की थी और पैसी ने अंतरराष्ट्रीय शांति समिति बनाई थी। इस तरह यह परंपरा शुरू हुई, जो आज भी दुनिया के सबसे बड़े सम्मान के रूप में कायम है।


