ट्रंप की गाजा शांति योजना: बंदी होंगे रिहा, पीछे हटेगी इजरायली सेना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि इजरायल और हमास गाजा युद्धविराम योजना के पहले चरण पर सहमत हो गए हैं, जिसमें बंदियों की रिहाई और सैनिकों की वापसी शामिल है।

International News: काहिरा में बुधवार को इजरायल और हमास के प्रतिनिधियों ने ट्रंप की 20 सूत्री शांति योजना के पहले चरण पर दस्तखत किए। इस समझौते का दुनिया भर में स्वागत हुआ। इसका मकसद दो साल से जारी खूनखराबे को रोकना और गाजा के पुनर्निर्माण की राह खोलना है। दोनों पक्षों ने वादा किया कि शर्तों को तुरंत लागू करना शुरू करेंगे। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भरोसा तभी बनेगा जब बातें ज़मीन पर उतरेंगी।
समझौते की मुख्य शर्तें
पहले चरण के तहत हमास 48 बंदियों को छोड़ेगा, जिनमें 20 ज़िंदा बताए गए हैं। इसके बदले इजरायल करीब 2000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। साथ ही, इजरायली सैनिकों को गाजा शहर से बाहर सहमत रेखा तक वापस बुलाना होगा। इस कदम का मकसद राहत सामग्री की सप्लाई खोलना और तबाह इलाकों में नागरिकों की वापसी आसान करना है। हालांकि सैनिक वापसी की पूरी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
बंदियों की रिहाई की तारीख
ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से कहा कि बंदियों की रिहाई 13 अक्टूबर से शुरू हो सकती है, जिसमें मृतकों के शव भी शामिल होंगे। हमास के सूत्रों ने बताया कि समझौते को इजरायल सरकार की मंजूरी मिलने के 72 घंटे बाद सभी कैदियों को छोड़ा जाएगा। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया शनिवार से भी शुरू हो सकती है। परिवार उम्मीद और डर दोनों के बीच इंतजार कर रहे हैं।
बने हुए हैं मतभेद
हालांकि समझौते पर दस्तखत हो गए, लेकिन कई अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बनी है। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल की वापसी का समय, गाजा के पुनर्निर्माण की रूपरेखा और हमास का भविष्य जैसे मामलों पर विवाद बाकी है। इजरायल का कहना है कि जंग तभी खत्म होगी जब हमास हथियार डाल देगा, जबकि हमास मानता है कि बंदियों की अदला-बदली होते ही युद्ध समाप्त हो जाना चाहिए।
गाजा में खुशी और सतर्कता
गाजा के लोग समझौते से खुश तो दिखे लेकिन सावधान भी रहे। खान यूनिस और अन्य इलाकों में लोग सड़कों पर जश्न मनाते नज़र आए। लेकिन कई लोगों को डर है कि यह भी पहले की तरह टूट सकता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा की 90 प्रतिशत इमारतें तबाह हो चुकी हैं। अस्पताल, स्कूल और मोहल्ले खंडहर बन गए हैं। गाजा को फिर से बसाने में 15 साल और 50 अरब डॉलर लग सकते हैं।
इजरायली कैबिनेट की मंजूरी अहम
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वह इस समझौते को अपने मंत्रिमंडल में पेश करेंगे। मंजूरी मिलने के बाद सैनिक पीछे हटेंगे और 72 घंटे के अंदर हमास बंदियों की रिहाई शुरू करेगा। हालांकि इजरायल के कट्टरपंथी मंत्री इसका विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि हमास को खत्म करना ही असली हल है। कैबिनेट की मंजूरी ही आगे की राह तय करेगी। गाजा का हाल बेहद खराब है।
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि गाजा को फिर रहने योग्य बनाने में 15 साल लगेंगे। हजारों बच्चे अनाथ हो गए हैं और लाखों लोग बेघर हैं। मानवाधिकार संगठन कह रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय मदद के बिना हालात सुधरना मुश्किल है। ट्रंप की योजना ने जंग को रोकने का मौका दिया है, लेकिन असली चुनौती गाजा को फिर से खड़ा करने की है।


