अब अमेरिका जाना हुआ महंगा! ट्रंप ने बढ़ाई H1B वीजा की फीस, भारतीयों पेशेवरों को झटका
अमेरिका ने ट्रंप के 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट' के तहत 2026 से 250 डॉलर का नया वीज़ा इंटीग्रिटी शुल्क लागू किया है, जो गैर-आप्रवासी वीज़ा पर लगेगा. यह शुल्क महंगाई के अनुसार बढ़ेगा और कुछ शर्तों पर वापस भी किया जा सकता है. इससे वीज़ा की लागत बढ़ेगी, खासकर विकासशील देशों के छात्रों और पर्यटकों के लिए.

अमेरिका ने अपनी आव्रजन नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट' के तहत 250 डॉलर का नया वीज़ा इंटीग्रिटी शुल्क लागू किया है. यह अधिनियम 4 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित हुआ था. इस शुल्क को महंगाई के अनुसार हर साल समायोजित किया जाएगा और यह एक तरह का सुरक्षा जमा है, जिसे कुछ शर्तों पर वापस भी किया जा सकता है.
नए वीज़ा नियम और उनकी विशेषताएं
नए नियम के अनुसार, 2026 से यह शुल्क गैर-आप्रवासी वीज़ा आवेदनों पर अनिवार्य होगा. इसमें पर्यटक/व्यावसायिक वीज़ा (बी-1/बी-2), छात्र वीज़ा (एफ/एम), कार्य वीज़ा (एच-1बी), और विनिमय वीज़ा (जे) शामिल हैं, जबकि राजनयिक वीज़ा (ए और जी) इस शुल्क से मुक्त रहेंगे. होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) वीज़ा आवेदन शुल्क के अतिरिक्त यह नया अधिभार वसूलेगा.
शुल्क लागू करने का मकसद
यह कदम ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिकी आव्रजन कानूनों के पालन को सुनिश्चित करने और अवैध आव्रजन को रोकने के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है. इसके साथ ही बिल में अन्य यात्रा संबंधी शुल्क भी शामिल हैं, जैसे 24 डॉलर का I-94 शुल्क, 13 डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फॉर ट्रैवल ऑथराइजेशन (ESTA) शुल्क और 30 डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा अपडेट सिस्टम (EVUS) शुल्क, जो विशेष रूप से कुछ चीनी नागरिकों के लिए है.
वीज़ा लागत पर प्रभाव
भारत के लिए अमेरिकी पर्यटक/व्यावसायिक वीज़ा (बी-1/बी-2) की वर्तमान कीमत लगभग 185 डॉलर है. नए शुल्क लागू होने के बाद यह लागत लगभग 472 डॉलर तक पहुंच जाएगी, जो मौजूदा कीमत से लगभग ढाई गुना अधिक है. सरकार के पास इस शुल्क को भविष्य में और बढ़ाने का अधिकार भी है, जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर हर साल समायोजित होगा.
शुल्क की वापसी के नियम
250 डॉलर के वीज़ा इंटीग्रिटी शुल्क को कुछ परिस्थितियों में वापस भी लिया जा सकता है. यदि आवेदक वीज़ा की अवधि समाप्त होने के पांच दिन के भीतर अमेरिका छोड़ देते हैं या फिर I-94 की समाप्ति से पहले स्थायी निवास के लिए सफलतापूर्वक समायोजित हो जाते हैं, तो वे धन वापसी का अनुरोध कर सकते हैं. हालांकि, यह प्रक्रिया स्वचालित नहीं है और इसके लिए उचित दस्तावेज़ जैसे प्रस्थान प्रमाण या स्थिति समायोजन के दस्तावेज जमा करना आवश्यक होगा.
नए नियमों के संभावित प्रभाव
इस शुल्क के लागू होने से अमेरिकी वीज़ा लेने की लागत काफी बढ़ जाएगी, जिससे विशेषकर विकासशील देशों के छात्रों, पर्यटकों और कामगारों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. इससे वैध आगंतुकों की संख्या में कमी आ सकती है और सांस्कृतिक व शैक्षिक आदान-प्रदान भी प्रभावित हो सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि आवेदकों को अब इस अतिरिक्त लागत को ध्यान में रखकर अपनी योजना बनानी होगी.


