'जहां दिखें, गोली मार दो...', बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने सेना को दिए थे प्रदर्शकारियों पर गोली चलाने के आदेश
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें उन्होंने छात्र प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया था. यह प्रदर्शन सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली के विरोध में था. 1,400 से अधिक लोग मारे गए. हसीना अब भारत में हैं और मामले की अंतरराष्ट्रीय जांच हो रही है. अवामी लीग ने आरोपों से इनकार किया है.

'जहां दिखें, गोली मार दो' बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है. जिसमें उन्होंने पिछले साल छात्र प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों को गोली चलाने के आदेश दिए थे. यह घटना सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के व्यापक प्रदर्शन के दौरान हुई, जिसमें कम से कम 1,400 लोग मारे गए. कोटा प्रणाली को लेकर यह विवाद छात्रों के बीच गहरी नाराजगी का कारण था, क्योंकि इसे मेधावी उम्मीदवारों के साथ भेदभाव करने वाला बताया गया.
आदेश की वायरल ऑडियो रिकॉर्डिंग
18 जुलाई 2024 को हसीना ने अपने आधिकारिक आवास से फोन पर एक वरिष्ठ अधिकारी को कहा, "ज़रूरत पड़े तो किसी भी हथियार का इस्तेमाल करो, जहां भी मिले गोली चलाओ." इस आदेश के बाद कुछ ही घंटों में ढाका में अर्धसैनिक बल तैनात किए गए, जिन्होंने सैन्य राइफलों से भीड़ पर गोलीबारी की. पुलिस दस्तावेजों ने पांच विश्वविद्यालय क्षेत्रों और आस-पास के जिलों में हथियारों के उपयोग की पुष्टि की.
विरोध प्रदर्शन की शुरुआत
प्रदर्शन की शुरुआत हसीना सरकार द्वारा विवादास्पद कोटा नीति को विस्तार देने वाले कानून के बाद हुई. छात्रों का आरोप था कि यह प्रणाली राजनीतिक और सामाजिक पक्षपात पर आधारित है, जिससे योग्य उम्मीदवारों को अवसर नहीं मिल रहे. 2018 के बाद से यह आंदोलन तेज हुआ और 2024 में इसमें देश भर के छात्र, शिक्षाविद और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हुए. सरकार की कठोर प्रतिक्रिया ने प्रदर्शन और भी तेज कर दिया.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट और हताहतों की संख्या
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, 2024 के जुलाई और अगस्त के महीनों में दमनकारी कार्रवाई के दौरान 1,400 से अधिक लोग मारे गए और हजारों को गिरफ्तार किया गया. इस हिंसा की स्वतंत्र जांच के लिए कई अंतरराष्ट्रीय समूहों ने मांग की है.
हसीना का भारत भागना
विरोध के बीच और अपनी पार्टी के सांसदों के समर्थन वापस लेने से पहले, शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को भारत चली गईं. तब से वह दिल्ली में हैं, जहां से वह मामले से जुड़ी राजनीतिक और कानूनी चुनौतियों का सामना कर रही हैं. ढाका के अधिकारी इसे "सामूहिक राजनीतिक पलायन" बता रहे हैं.
हसीना का बचाव और अभियोजन पक्ष के सबूत
जनवरी में दिल्ली से दिए बयान में हसीना ने किसी भी हत्या के आदेश से इनकार किया और सुरक्षा बलों की कार्रवाई को "व्यवस्था बहाल करने के लिए वैध" बताया. हालांकि, अभियोजन पक्ष के अनुसार वायरल ऑडियो टेप उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में प्राथमिक सबूत होगा. ब्रिटेन स्थित मानवाधिकार वकील टोबी कैडमैन ने कहा कि रिकॉर्डिंग प्रमाणित और अन्य साक्ष्यों के साथ मेल खाती है, जो सीधे हसीना के आदेश को दर्शाती है.
अवामी लीग की प्रतिक्रिया
अवामी लीग ने इस ऑडियो को 'चुनिंदा संपादित' बताया और गैरकानूनी हिंसा से इंकार किया, लेकिन पूरी ऑडियो रिलीज़ नहीं की और अदालत में इसकी प्रामाणिकता पर सवाल नहीं उठाया. न्यायाधिकरण की कार्यवाही जुलाई के अंत में शुरू होने की संभावना है, जिससे भारत पर राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है कि वह अपनी स्थिति स्पष्ट करे.


