UNSC का अध्यक्ष बना पाकिस्तान, क्या भारत की बढ़ जाएगी मुश्किलें?
पाकिस्तान की UNSC अध्यक्षता के दौरान भारत को सतर्क रहने की जरूरत है। पाकिस्तान के इरादे स्पष्ट हैं, और वह कश्मीर जैसे मुद्दों को उठाकर भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने की कोशिश कर सकता है।

Pakistan Became The President of UNSC: पाकिस्तान ने जुलाई 2025 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता हासिल कर ली है. जो उसके दो साल के अस्थायी सदस्यता कार्यकाल का हिस्सा है. भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव घटनाक्रम नई दिल्ली के लिए कई सवाल और चिंताएँ खड़ा कर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान इस वैश्विक मंच का उपयोग कर भारत के खिलाफ अपने प्रचार को बढ़ावा देने और कश्मीर जैसे मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछालने की कोशिश कर सकता है.
पाकिस्तान की UNSC अध्यक्षता
पाकिस्तान को जून 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 193 में से 182 वोटों के साथ 2025-2026 के लिए UNSC का अस्थायी सदस्य चुना गया था. यह उसका आठवां कार्यकाल है, और UNSC की अध्यक्षता 15 सदस्यों के बीच हर महीने रोटेट होती है. जुलाई 2025 में पाकिस्तान के राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद इसकी अध्यक्षता करेंगे. और उन्होंने पारदर्शिता, समावेशिता और जिम्मेदारी को अपनी प्राथमिकता बताया है. फिलहाल, भारत के साथ तनाव के बीच इसकी रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं.
भारत के लिए बढ़ा खतरा
पाकिस्तान UNSC की अध्यक्षता का उपयोग कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने के लिए कर सकता है. पहले भी, 2013 में पाकिस्तान ने इस मंच का इस्तेमाल कश्मीर पर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की थी. माना जा रहा है कि पाकिस्तान अपने 'सदाबहार मित्र' चीन के साथ मिलकर भारत विरोधी नैरेटिव को बढ़ावा दे सकता है. पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह चिंता और गहरी हो गई है, क्योंकि पाकिस्तान भारत को आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाकर बदनाम करने की कोशिश कर सकता है.
पाकिस्तान की शक्ति और UNSC की शक्ती
UNSC की अध्यक्षता भले ही पाकिस्तान के पास हो, लेकिन इसकी शक्ति सीमित है. सभी प्रस्तावों को पारित करने के लिए 15 सदस्यों की सर्वसम्मति आवश्यक होती है, और स्थायी सदस्यों (चीन, फ्रांस, रूस, यूके, और अमेरिका) के पास वीटो पावर है. कश्मीर मुद्दे पर अधिकांश स्थायी सदस्य भारत के पक्ष में हैं. जिसके कारण पाकिस्तान के किसी भी बड़े प्रयास के सफल होने की संभावना कम है. फिर भी पाकिस्तान की अध्यक्षता भारत के लिए एक कूटनीतिक चुनौती हो सकती है. खासकर जब वह इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) और अन्य सहयोगी देशों के समर्थन से भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश करेगा.
भारत की मजबूत स्थिति
भारत ने वैश्विक मंचों पर अपनी कूटनीतिक ताकत का बार-बार प्रदर्शन किया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने और UNSC में सुधारों की मांग की है. भारत की आर्थिक प्रगति और सतत विकास लक्ष्यों में उसकी उपलब्धियाँ, जैसे कि UN SDG इंडेक्स में100 देशों में शामिल होना. उसकी वैश्विक स्थिति को और मजबूत करती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की कूटनीति और तथ्यपरक जवाब देने की क्षमता पाकिस्तान की किसी भी साजिश को नाकाम कर सकती है.


