अफगानों पर जुल्म! पाकिस्तान जबरन दिखा रहा बाहर का रास्ता... 11,371 को वापस भेजा
पाकिस्तान ने 11,371 अफगान शरणार्थियों को जबरन अफगानिस्तान भेजा, जिसमें से 3,669 शरणार्थियों को तोरखम सीमा से भेजा गया. अफगान सरकार ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया.

पाकिस्तान ने अफगान शरणार्थियों की वापसी की प्रक्रिया को तेज कर दिया है. मंगलवार को 11,371 अफगान शरणार्थियों को जबरन अफगानिस्तान भेजा गया. इनमें से 3,669 से ज्यादा शरणार्थियों को तोरखम सीमा के जरिए अफगानिस्तान भेजा गया. पाकिस्तान सरकार का ये कदम अफगान शरणार्थियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है, क्योंकि इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो दशकों से पाकिस्तान में रह रहे हैं और जिनका जन्म भी पाकिस्तान में हुआ है. अफगान सरकार ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है.
पाकिस्तान की कड़ी कार्रवाई
पाकिस्तान सरकार ने 31 मार्च को एक समय सीमा तय की थी, जिसके बाद शरणार्थियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई. पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें अफगान शरणार्थियों के खिलाफ अभियान चला रही हैं. कई शरणार्थियों का कहना है कि उन्हें काम के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया और उनके परिवारों को छोड़कर उन्हें अफगानिस्तान भेज दिया गया. गुल मोहम्मद नाम के एक निर्वासित शरणार्थी ने बताया कि पुलिस ने उनकी दुकान पर छापा मारा, उन्हें चार दिन तक हिरासत में रखा और फिर तोरखम सीमा के रास्ते उन्हें निर्वासित कर दिया.
रावलपिंडी में अफगान दुकानदारों की स्थिति
पाकिस्तान के रावलपिंडी में स्थित अफगान दुकानदारों की स्थिति भी बेहद कठिन हो गई है. कई दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर रहे हैं और कुछ दुकानों को बेचने के लिए मजबूर हो गए हैं. रावलपिंडी के कई क्षेत्रों में कई अफगान दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर चुके हैं या उनका सामान बेच दिया गया है. शहर और छावनी क्षेत्रों में स्थित अफगान होटलों की स्थिति भी खराब हो गई है, कई प्रसिद्ध होटल अब बंद हो चुके हैं.
अफगानिस्तान सरकार का कड़ा बयान
अफगानिस्तान के शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मामलों के मंत्रालय ने पाकिस्तान के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए एक बयान जारी किया. मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अफगान शरणार्थियों की जबरन वापसी इस्लामी सिद्धांतों, मानवीय मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है. मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को अन्यायपूर्ण करार दिया और शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी के लिए अपील की. बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान इन शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी की तैयारी कर रहा है और अपील करता है कि उन्हें अपनी संपत्ति वापस लाने की अनुमति दी जाए.
शरणार्थियों की दर्दनाक स्थिति
पाकिस्तान में दशकों से रह रहे इन शरणार्थियों के लिए पाकिस्तान में अपना जीवन बिताना कठिन होता जा रहा है. कई शरणार्थियों के पास ना तो कोई वैध दस्तावेज हैं और ना ही उनके पास कोई सुरक्षित जगह है. इन शरणार्थियों को पाकिस्तान छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि अफगानिस्तान की हालत भी काफी खराब है.


