पहलगाम हमले पर दुनिया को बहलाने निकले शहबाज, पाकिस्तान ने तुर्की से लगाई गुहार!
Pakistan PM Shahbaz Sharif: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है. इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी सरकार की इमेज सुधारने की कोशिश में लगे हुए हैं.

Pakistan PM Shahbaz Sharif: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या की गई, जिससे भारत में गुस्से की लहर दौड़ गई. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए, जिससे पाकिस्तान की सरकार पर दबाव बढ़ गया है. पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में तुर्की के राजदूत डॉ. इरफान नेजिरोग्लु से बातचीत के दौरान यह दावा किया कि पाकिस्तान ने "भारत की उकसावे वाली कार्रवाई" के बावजूद संयमित प्रतिक्रिया दी है. शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत ने अभी तक पहलगाम हमले से पाकिस्तान को जोड़ने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं प्रस्तुत किया है.
PM शहबाज शरीफ की तुर्की से अपील
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुर्की से यह अपील की कि वह पाकिस्तान के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय जांच में शामिल हो. इस बीच, भारत ने पाकिस्तान के साथ अपनी रिश्तों को और खराब कर लिया है और कई कड़े कदम उठाए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है.
पाकिस्तान की डिप्लोमेटिक दिक्कतें
पाकिस्तान की सरकार अब तक इस हमले में अपनी संलिप्तता से इंकार कर रही है, लेकिन भारत ने उसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. शहबाज शरीफ का यह बयान उनकी घबराहट और डर को दर्शाता है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान किसी "विश्वसनीय और पारदर्शी" अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए तैयार है. यह बयान पाकिस्तान की कमजोर स्थिति को उजागर करता है, क्योंकि भारत ने पाकिस्तान पर अपनी संलिप्तता का आरोप लगाते हुए कई कड़े कदम उठाए हैं.
भारत ने उठाए कड़े कदम
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उसे आर्थिक और राजनयिक मोर्चे पर भी झटका दिया है. भारतीय सरकार ने पाकिस्तान से आयात और ट्रांजिट के माध्यम से आने वाले सभी सामानों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के सभी डाक सेवाओं को स्थगित कर दिया है और पाकिस्तान के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है.
इंडस जल संधि का निलंबन
भारत ने पाकिस्तान से अपनी आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए और सीमाओं पर बढ़ते तनाव के बीच एक बड़ा कदम उठाया है. भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को रोक दिया है. पाकिस्तान ने इस कदम को "युद्ध जैसी कार्रवाई" करार दिया है, जिससे द्विपक्षीय रिश्तों में और खटास आ गई है.
सैन्य तैयारियों में वृद्धि
भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ाया है और सेना को किसी भी प्रकार के हमले के लिए स्वतंत्रता दे दी है. सीमा पर गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है.


