भारत की रणनीति से हिला पाकिस्तान, स्टॉक मार्केट में मचा कोहराम, 7100 अंकों की गिरावट से निवेशकों में अफरा-तफरी
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त कूटनीतिक और सैन्य प्रतिक्रियाओं का गहरा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE-100) में महज एक हफ्ते में 7100 अंकों की जबरदस्त गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों में घबराहट फैल गई है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त कूटनीतिक और सैन्य प्रतिक्रियाओं से पाकिस्तान का वित्तीय ढांचा बुरी तरह हिल गया है. कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE-100) में बीते एक हफ्ते में 7100 अंकों से अधिक की भारी गिरावट देखी गई है. विश्लेषकों का कहना है कि अगर भारत-पाक तनाव जल्द शांत नहीं हुआ तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को और भी बड़ा झटका लग सकता है.
यह घटना केवल सीमा पर गोलीबारी या कूटनीतिक बयानबाज़ी तक सीमित नहीं है, इसका सीधा असर पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ा है. खासतौर पर निवेशकों की घबराहट और विदेशी पूंजी के पलायन ने पाकिस्तान की स्टॉक मार्केट को बुरी तरह हिला दिया है.
निवेशकों में डर का माहौल
23 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 के बीच पाकिस्तान के KSE-100 इंडेक्स में 7100 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जो कुल मार्केट वैल्यू का लगभग 6% है. इस गिरावट के पीछे भारत द्वारा संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका प्रमुख कारण रही.
सबसे बड़ा झटका
30 अप्रैल को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में एक ही दिन में 3,545 अंकों की गिरावट आई, जो 3.09% की गिरावट के बराबर है. इंडेक्स 111,326.57 पर बंद हुआ. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान लकी सीमेंट (LUCK), एंग्रो (ENGROH), यूनाइटेड बैंक लिमिटेड (UBL), पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड (PPL) और फौजी फर्टिलाइजर कंपनी (FFC) जैसे बड़े शेयरों में हुआ.
2 मई को आंशिक रिकवरी
2 मई को बाजार ने कुछ रिकवरी जरूर की और 2,785 अंकों की तेजी के साथ 114,119 पर बंद हुआ, लेकिन एक्सपर्ट्स इसे ‘टेक्निकल बाउंस बैक’ मान रहे हैं. बाजार विश्लेषक आरिफ हबीब ने ET से कहा, "यह उछाल तकनीकी है. जब तक दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध सामान्य नहीं होते, तब तक बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी.”
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दबाव
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद कई कड़े कदम उठाए हैं. इनमें SAARC वीज़ा छूट योजना को निलंबित करना, सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार, पाकिस्तानी सैन्य अटैचों को निष्कासित करना, राजनयिक स्टाफ में कटौती और अटारी बॉर्डर को बंद करना जैसे निर्णय शामिल हैं.
24 अप्रैल को भारत के इन निर्णयों का असर स्टॉक मार्केट पर दिखा जब कराची स्टॉक एक्सचेंज खुलते ही 2500 अंकों से ज्यादा गिरा और दिनभर में 2% से ज्यादा की गिरावट आई.
LOC पर जवाबी कार्रवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी है. इसी के तहत भारतीय सेना ने कुपवाड़ा और पुंछ में पाकिस्तान की सीजफायर उल्लंघनों पर कड़ी जवाबी कार्रवाई की. दोनों देशों के DGMO के बीच हुई हॉटलाइन बातचीत के दौरान भारत ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया. वहीं अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रिजवान सईद शेख ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हस्तक्षेप की अपील करते हुए कहा, “कश्मीर वैश्विक अस्थिरता का फ्लैशपॉइंट बन सकता है.”
आर्थिक मोर्चे पर कमजोर हो रहा है पाकिस्तान
जहां भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कूटनीतिक तरीके से पाकिस्तान को अलग-थलग कर रहा है, वहीं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराती नजर आ रही है. यदि पाकिस्तान समय रहते शांति और स्थिरता की दिशा में कदम नहीं उठाता, तो केवल सीमा पर ही नहीं, आर्थिक मोर्चे पर भी वह जंग हार सकता है.


