भूकंप से फिर कांपा पाकिस्तान, एक हफ्ते में तीसरी बार हिली धरती, बलूचिस्तान बना केंद्र
Pakistan Earthquake: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 और गहराई 10 किलोमीटर दर्ज की गई.बीते एक हफ्ते में यह तीसरा भूकंप है, जिससे इलाके में दहशत फैल गई है.इससे पहले 5 मई को भी 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था.

Pakistan Earthquake: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान प्राकृतिक आपदाओं से भी जूझ रहा है. पिछले एक हफ्ते में पाकिस्तान में तीसरी बार धरती कांपी है. इस बार बलूचिस्तान भूकंप का केंद्र बना. विशेषज्ञों की मानें तो लगातार झटकों का सिलसिला आने वाले बड़े खतरे की चेतावनी हो सकता है.
भूकंप से फिर दहला बलूचिस्तान
पाकिस्तान के अशांत माने जाने वाले प्रांत बलूचिस्तान में शुक्रवार को एक बार फिर भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 मापी गई, जबकि भूकंप का केंद्र जमीन से मात्र 10 किलोमीटर नीचे था. इस झटके ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया, हालांकि अब तक किसी जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है.
एक हफ्ते में तीसरा झटका
बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान में यह तीसरा भूकंप है, जिसने लोगों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है. इससे पहले 5 मई को भी पाकिस्तान में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 4.2 दर्ज की गई थी. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, “भूकंप का केंद्र भी 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर था, जिससे इसके आफ्टरशॉक्स आने की संभावना और बढ़ गई है.”
भारत-पाक तनाव के बीच प्राकृतिक झटका
गौरतलब है कि इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. एक ओर सीमा पर सैन्य टकराव की आशंका बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान प्राकृतिक आपदाओं से भी त्रस्त है. हालांकि इस बार का झटका न किसी मिसाइल का था और न ही ड्रोन का, बल्कि प्रकृति की चेतावनी का एक संकेत था.
बलूचिस्तान: बार-बार क्यों आ रहे झटके?
विशेषज्ञों के अनुसार, बलूचिस्तान भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है क्योंकि यह टेक्टोनिक प्लेट्स के मिलन बिंदु पर स्थित है. बार-बार आने वाले झटके इस बात का संकेत हैं कि वहां भूगर्भीय हलचलें तेज़ हो रही हैं, जो भविष्य में किसी बड़े भूकंप की भूमिका बना सकती हैं.
क्या पाकिस्तान तैयार है?
भूकंप जैसे आपदाओं से निपटने की पाकिस्तान की तैयारी पर सवाल उठते रहे हैं. पूर्व में आए भूकंपों में राहत और बचाव के काम में भारी खामियां देखी गई थीं. अब सवाल यह है कि क्या बार-बार आने वाले इन झटकों के बाद पाकिस्तान सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी?


