पाकिस्तानी तालिबान बांग्लादेश में चुपके से भर्ती अभियान चला रहा है, खुफिया एजेंसियों को भनक तक नहीं
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) अब बांग्लादेश में चुपके से अपनी जड़ें जमा रहा है, और हैरानी की बात यह है कि सुरक्षा एजेंसियां इस खतरे से अनजान हैं! कुछ बांग्लादेशी युवा तो TTP के जाल में फंसकर अफगानिस्तान तक पहुंच गए, जहां एक की पाकिस्तानी सेना ने गोली मार दी. हाल ही में बांग्लादेश में TTP आतंकवादियों की धरपकड़ ने इस खतरनाक साजिश का पर्दाफाश किया है.

Tehreek-e-Taliban Pakistan: पाकिस्तान में वर्षों तक आतंक फैलाने वाला कट्टर इस्लामी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) अब बांग्लादेश में भी अपने पांव पसारता दिख रहा है. भारत के साथ 4,000 किलोमीटर से अधिक सीमा साझा करने वाले इस पड़ोसी देश में TTP की मौजूदगी न केवल बांग्लादेश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है, बल्कि नई दिल्ली के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है. हाल ही में दो बांग्लादेशी नागरिकों के अफगानिस्तान में टीटीपी में शामिल होने की पुष्टि से सुरक्षा एजेंसाओं की नींद उड़ गई है. TTP की यह विस्तारवादी रणनीति ऐसे समय पर उजागर हुई है जब बांग्लादेश पहले ही राजनीतिक अस्थिरता और जिहादी संगठनों की बढ़ती सक्रियता से जूझ रहा है. बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियां धीरे-धीरे इस खतरे की ओर ध्यान दे रही हैं, लेकिन आतंकी नेटवर्क की जड़ें पहले ही गहराई तक पहुंच चुकी हैं.
बांग्लादेश में पकड़े गए TTP से जुड़े दो संदिग्ध
बांग्लादेश की आतंकवाद निरोधक इकाई (ATU) ने हाल ही में दो संदिग्ध आतंकियों शमीन महफूज और मोहम्मद फोयसल को गिरफ्तार किया है, जिनका सीधा संबंध TTP से बताया जा रहा है. इन गिरफ्तारियों से पहले मई में एक डिजिटल आउटलेट ‘द डिसेंट’ की रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि कम से कम आठ बांग्लादेशी नागरिक अफगानिस्तान में TTP से जुड़े हुए हैं. इनमें से एक व्यक्ति अप्रैल 2025 में वजीरिस्तान में पाकिस्तानी सेना के हाथों मारा गया.
पूर्व आतंकी नेता शमीन महफूज की गिरफ्तारी
14 जुलाई को एटीयू ने नारायणगंज से शमीन महफूज को गिरफ्तार किया. वह पहले जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) का नेता था और 2019 में एक नए आतंकी संगठन 'जमातुल अंसार फ़िल हिंदल शरकिया' का संस्थापक भी रहा है. उस पर पहले से आतंकवाद से जुड़े दस मुकदमे दर्ज हैं. आरोप है कि उसने 2020 में चटगांव हिल ट्रैक्ट्स में केएनएफ के साथ मिलकर आतंकी प्रशिक्षण शिविर स्थापित किए थे. एक समय वह बांग्लादेश मुक्त विश्वविद्यालय में शिक्षक था और ढाका विश्वविद्यालय से स्नातक कर चुका है. फिलहाल शमीन पांच दिन की पुलिस रिमांड पर है.
मोहम्मद फोयसल और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
दूसरी ओर, 33 वर्षीय मोहम्मद फोयसल को 2 जुलाई को सावर शहर से गिरफ्तार किया गया,और जांच में सामने आया है कि उसने अक्टूबर 2024 में अहमद जुबैर के साथ पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान की यात्रा की थी. वहीं जुबैर अप्रैल 2025 में मारा गया. फोयसल ने पूछताछ में बताया कि उनकी भर्ती इमरान हैदर नाम के एक एयरोनॉटिकल इंजीनियर ने की थी, जो युवाओं को ऑनलाइन कट्टरपंथ के ज़रिए TTP से जोड़ता था.
मलेशिया में भी बांग्लादेशी आतंकी नेटवर्क सक्रिय
मलेशिया में भी बांग्लादेशी नागरिकों की आतंकी नेटवर्क से कथित संलिप्तता उजागर हुई है. न्यू स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मलेशिया ने जून 2025 में 36 बांग्लादेशियों को आतंकवाद से संबंध होने के कारण हिरासत में लिया. रॉयटर्स के अनुसार, ये लोग निर्माण, सेवा और फैक्ट्री जैसे क्षेत्रों में कार्यरत थे और इनका एक गुप्त नेटवर्क सोशल मीडिया के ज़रिए कट्टर विचारधाराएं फैला रहा था. यह नेटवर्क आईएस को फंडिंग देने और आतंकी गतिविधियों के लिए बांग्लादेश व सीरिया में लड़ाके भेजने की साजिश में शामिल था.
भारत के लिए चेतावनी का संकेत
बांग्लादेश में टीटीपी की मौजूदगी भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बन सकती है, खासकर जब यह संगठन बांग्लादेश की धरती पर स्थायी नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. सीमा सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियों को इस ओर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि यह नेटवर्क भारतीय सीमाओं के नज़दीकी से खतरा हो सकता है.


