तेजी से इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं इस देश के लोग, जानें क्या है वजह
Muslim population: दुनियाभर में इस्लाम धर्म तेजी से फैल रहा है, वहीं बड़ी संख्या में लोग इसे छोड़ भी रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, आने वाले दशकों में इस्लाम दुनियाभर में दूसरा सबसे बड़ा धर्म बन सकता है. इस्लाम धर्म अपनाने और छोड़ने की प्रवृत्तियां विभिन्न देशों में अलग-अलग दिखाई दे रही हैं.

Muslim population: दुनियाभर में धर्म परिवर्तन की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या जहां कई देशों में बढ़ रही है, वहीं कुछ स्थानों पर इसे छोड़ने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. खासतौर पर अमेरिका में यह प्रवृत्ति देखने को मिल रही है, जहां हर साल हजारों लोग इस्लाम को छोड़ रहे हैं. इसके बावजूद, इस धर्म को अपनाने वालों की संख्या भी कम नहीं है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका में इस्लाम छोड़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसके समानांतर इस धर्म को स्वीकार करने वालों की संख्या भी काफी अधिक है. शोध बताते हैं कि साल 2040 तक इस्लाम दुनियाभर में दूसरा सबसे बड़ा धर्म बन सकता है. आइए जानते हैं कि अमेरिका में इस्लाम धर्म अपनाने और छोड़ने के पीछे क्या कारण हैं.
अमेरिका में इस्लाम धर्म अपनाने वालों की संख्या बढ़ी
दुनियाभर में इस्लाम का प्रचार-प्रसार तेजी से हो रहा है. प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, 2040 तक इस्लाम दुनियाभर में दूसरा सबसे बड़ा धर्म होगा. अमेरिका में भी इस्लाम धर्म को अपनाने वालों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. 2050 तक अमेरिका में मुस्लिम आबादी 8.1 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 25% मुसलमान धर्म परिवर्तन करके इस्लाम में आए हैं. यानी, अमेरिका में हर चार में से एक मुसलमान किसी अन्य धर्म से इस्लाम में परिवर्तित हुआ है.
इस्लाम छोड़ने वालों की संख्या में भी तेजी
हालांकि, अमेरिका में इस्लाम छोड़ने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. डब्लूएसजे (WSJ) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल करीब 1 लाख लोग इस्लाम धर्म को छोड़ रहे हैं.
इसके विपरीत, 1990 से 2000 के बीच 125 करोड़ लोगों ने इस्लाम धर्म अपनाया था. हाल ही की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका में हर साल लगभग 20,000 लोग इस्लाम स्वीकार कर रहे हैं.
पाकिस्तान और भारत में मुस्लिम आबादी की स्थिति
पाकिस्तान की कुल जनसंख्या में 96.5% लोग मुस्लिम हैं. वहां हिंदू आबादी मात्र 1.9% और ईसाई समुदाय 1.6% है. साल 2050 तक पाकिस्तान में मुस्लिम आबादी 36% की वृद्धि के साथ 273.11 मिलियन होने की उम्मीद है.
भारत में भी मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर काफी तेज है. वर्ष 2050 तक यह आंकड़ा 310.66 मिलियन तक पहुंच सकता है, जिससे भारत इंडोनेशिया को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा.
नाइजीरिया में सबसे तेज वृद्धि
2050 तक नाइजीरिया में मुस्लिम आबादी में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की जा सकती है. 120% की वृद्धि के साथ यह आंकड़ा 230.7 मिलियन तक पहुंच सकता है.
इराक में भी बड़ी जनसंख्या वृद्धि की संभावना
इराक में 2020 से 2050 के बीच मुस्लिम आबादी लगभग दोगुनी हो सकती है. इस देश में प्रति महिला जन्म दर 3.55 है. इराक की 99% जनसंख्या मुस्लिम है, जिनमें से अधिकांश शिया संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं. यहां 94% वृद्धि के साथ 2050 तक मुस्लिम आबादी 80.19 मिलियन हो सकती है.
इंडोनेशिया: सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश
इंडोनेशिया वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है, जहां 229 मिलियन से अधिक मुस्लिम रहते हैं. यह देश की कुल आबादी का 87.2% है. 2050 तक इंडोनेशिया दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो सकता है, और मुस्लिम जनसंख्या 12% बढ़कर 256.82 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है.


