प्यार की आड़ में साजिश? पाकिस्तान और भारत के बीच शादियां बन चुकी हैं घुसपैठ का रास्ता
India और Pakistan के बीच जारी तनातनी के बीच, सीमा पार शादियां एक नई चिंता का कारण बन गई हैं। इन शादियों का उपयोग घुसपैठ और सुरक्षा जोखिम के तौर पर किया जा रहा है, जिससे Both countries के रिश्तों में और तनाव बढ़ रहा है।

इंटरनेशनल न्यूज. भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते कभी भी सहज नहीं रहे. पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को पनाह देने की नीति ने इस रिश्ते में जहर घोल दिया है. हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने अन तनावों को नई ऊंचाई दी है. इसके बाद भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को 'लीव इंडिया' नोटिस जारी किया है. यानी जो भी पाकिस्तानी नागरिक भारत में रहे हैं. उन्हें यह समय के भीतर देश छोड़ना होगा.
भारत और पाकिस्तान के बीच शादियां कोई नई बात नहीं हैं. बंटवारे के बाद पंजाब, राजस्थान, गुजरात और कश्मीर जैसे सीमावर्ती इलाकों में ऐसे रिश्ते आम बने रहे. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जैसलमेर और बाड़मेर में हर साल करीब 200 क्रॉस-बॉर्डर शादियां होती हैं. पहले ये रिश्ते सामाजिक मजबूरी थे, अब सवाल उठता है कि क्या ये सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे हैं?
घुसपैठ का नया तरीका बनी शादी
पहलगाम हमले के बाद जांच एजेंसियों के हाथ कई चौंकाने वाली जानकारियां लगीं. कई पाकिस्तानी नागरिक वीजा पर आकर भारत में शादी करते हैं और फिर यहीं बस जाते हैं. कुछ मामलों में भारतीय महिलाओं ने पाकिस्तान जाकर शादी की, लेकिन अपनी भारतीय नागरिकता बनाए रखी. सोशल मीडिया पर कई दावे हैं कि इन महिलाओं का इस्तेमाल तस्करी और आतंकी गतिविधियों के लिए हो सकता है. भले ही ये दावे पूरी तरह साबित न हुए हों, लेकिन इनसे चिंता जरूर बढ़ी है.
सरकार की सख्ती और अलर्ट
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को आदेश दिए हैं कि पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की जाए और जो शॉर्ट-टर्म वीजा पर हैं, उन्हें तुरंत वापस भेजा जाए. राजस्थान में अब तक 28 पाकिस्तानी नागरिकों को बाहर निकाला गया है, जबकि महाराष्ट्र में 107 पाकिस्तानी नागरिकों के "लापता" होने की रिपोर्ट है. यह गंभीर मामला है, क्योंकि इनमें से कई स्लीपर सेल का हिस्सा हो सकते हैं.
स्लीपर सेल की रणनीति
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजंसी ISI इन शादियों के जरिए स्लीपर सेल तैयार कर रही है. ये लोग आम नागरिक की तरह रहते हैं, लेकिन समय आने पर जासूसी, तस्करी या आतंकी हमलों को अंजाम दे सकते हैं. बंटवारे के दर्द के जन्मे रिश्ते आज भी भारत की सुरक्षा के लिए सिरदर्द बनते दिख रहे हैं.


