राष्ट्रपति ट्रंप की नई रणनीति, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में बड़ा फेरबदल, कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) में बड़े बदलाव की योजना बनाई है.उनका उद्देश्य परिषद का आकार छोटा करना और उसे अपने 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे के अनुसार ढालना है.इसके तहत NSC से कई राजनीतिक नियुक्तियों को हटाया जा रहा है और दर्जनों कर्मचारियों को उनकी मूल एजेंसियों में लौटाया जा रहा है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने अप्रत्याशित फैसलों से दुनिया का ध्यान खींच रहे हैं। अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रंप अब राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) में बड़ा बदलाव करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उनका लक्ष्य है परिषद के आकार को छोटा करना और उसे अपने 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे के अनुरूप ढालना.
राष्ट्रपति ट्रंप इस बदलाव के तहत NSC से कई राजनीतिक नियुक्तियों को हटाने और सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों को उनकी मूल एजेंसियों में वापस भेजने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस कदम से व्हाइट हाउस में नीतिगत फैसलों में ट्रंप की पकड़ और मजबूत होने की संभावना है.
व्हाइट हाउस की अहम शाखा है NSC
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना ट्रूमैन प्रशासन के समय हुई थी। यह व्हाइट हाउस की एक अत्यंत महत्वपूर्ण शाखा है, जिसका मुख्य कार्य राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े मामलों में सलाह देना तथा विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय बनाए रखना है. अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप NSC में नियुक्त कई राजनीतिक सलाहकारों से संतुष्ट नहीं थे। उनका मानना था कि ये लोग उनके 'अमेरिका फर्स्ट' विज़न को बाधित कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने अब इसे अपने हिसाब से पुनर्गठित करने की ठानी है.
वाल्ट्ज की विदाई के बाद नई नियुक्तियों की तैयारी
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज को हटाकर विदेश मंत्री मार्को रुबियो को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। वाल्ट्ज को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत के रूप में नामित किया गया है। उनके हटने से विदेश विभाग और पेंटागन की भूमिका और अधिक निर्णायक मानी जा रही है, हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप अंतिम निर्णयों में स्वयं की सोच को प्राथमिकता देते हैं.
NSC में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या में कटौती
एक अधिकारी के मुताबिक, फिलहाल NSC में लगभग 395 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 180 सहायक कर्मचारी भी शामिल हैं। इन कर्मचारियों में करीब 90 से 95 लोग अन्य सरकारी एजेंसियों से डिटेइली (Detailees) के रूप में आए हैं। अब इन्हें अपनी मूल एजेंसियों में लौटने का विकल्प दिया जा सकता है.
वाल्ट्ज की विदाई के पीछे लॉरा लूमर?
NSC में बदलाव की यह प्रक्रिया तब और तेज़ हो गई जब प्रभावशाली दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लॉरा लूमर ने राष्ट्रपति ट्रंप के सामने कुछ अधिकारियों की वफादारी पर सवाल उठाए। अगले ही दिन वाल्ट्ज को पद से हटा दिया गया। लूमर पहले भी 9/11 साजिश सिद्धांतों और QAnon जैसे विवादित विचारों का समर्थन कर चुकी हैं। उन्होंने खुलेआम यह दावा किया था कि उन्होंने ही ‘गैर-वफादार’ NSC अधिकारियों को हटवाया है.
ट्रंप एजेंडे के अनुरूप हो रही है फेरबदल प्रक्रिया
व्हाइट हाउस के अधिकारी के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने शुरुआत में ही करीब 160 NSC सहयोगियों को हटा दिया था। इन कर्मचारियों की समीक्षा करके यह देखा गया कि वे ट्रंप के एजेंडे के अनुरूप काम कर रहे हैं या नहीं। अधिकारी ने पुष्टि की कि यह फेरबदल प्रक्रिया अभी जारी है.
गेब्रियल और बेकर को मिले अहम जिम्मेदारियां
राष्ट्रपति ट्रंप के नजदीकी माने जाने वाले रॉबर्ट गेब्रियल को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है। साथ ही, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एंडी बेकर को भी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। इन नियुक्तियों से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि ट्रंप प्रशासन पूरी तरह से अपने एजेंडे को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.


