Private Army : रूस ही नहीं कई देशों में है प्राइवेट आर्मी, किराए पर मिलते हैं प्राइवेट आर्मी के लड़ाके
Private Army : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्द में रूस की तरफ से प्राइवेट आर्मी जंग लड़ रही है। वैगनर ग्रुप नामक आर्मी ने रूस में तख्तापलट की कोशिश की। रूस की ही तरह अन्य देशों में भी प्राइवेट आर्मी है। किराए पर कोई भी इनके लड़ाके अपनी सुरक्षा के लिए रख सकता है।
हाइलाइट
- रूस की ही तरह दुनिया के कई देशों में है प्राइवेट आर्मी
- प्राइवेट आर्मी के लड़ाको को किराए पर सुरक्षा के लिए रखा जा सकता है।
Private Army : 24 जून को रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप (Wagner Amry) के सरगना येवगेनी प्रिगोझिन ने अपने राष्ट्रपति यार व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत का ऐलान कर दिया था। हालांकि, 25 जून को बेलारूस के हस्ताक्षेप के बाद येवगेनी प्रिगोझिन ने अपने लड़कों को पीछे हटने का आदेश दे दिया। वैगनर ग्रुप एक प्राइवेट आर्मी है जिसे रूस ने भाड़े पर यूक्रेन से युद्ध करने के लिए रखा था। वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन ने वीडियो संदेश जारी कर रूस से हथियारों की मांग की थी। रूस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर येवगेनी प्रिगोझिन ने विद्रोह कर दिया। रूस की इस प्राइवेट आर्मी ने वैश्विक स्तर पर रूस की छवि ख़राब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। रूस की ही तरह और भी कई देशों में प्राइवेट आर्मी काम करती है।
दुनिया में ऐसी कई देश हैं जहां प्राइवेट आर्मी है। ये देश जंग के मैदान में प्राइवेट आर्मी किराए पर रखते हैं। चलिए आपको बतातें हैं कि वो कौन से देश हैं जो प्राइवेट आर्मी का सहारा लेते हैं।
⚫ऑस्ट्रेलिया
⚫ब्रिटेन
⚫अफगानिस्तान
⚫वर्जिनिया
ऑस्ट्रेलिया
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की प्राइवेट का नाम यूनिटी रिसोर्स ग्रुप है। इस ग्रुप में 1200 से अधिक जवानों का स्टाफ है। इस प्राइवेट सेना में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ग्रेट ब्रिटेन की सेना के कई रिटायर्ड आर्मी अफसर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यूनिटी रिसोर्स ग्रुप को आस्ट्रेलियाई सरकार ने ऑस्ट्रेलियन एम्बेसी की सुरक्षा का जिम्मा दिया हुआ है। आपको बता दें की लेबनान में चुनाव को शांतिपूर्वक कराने के लिए यूनिटी रिसोर्स ग्रुप के जवानों को भेजा गया था। यूनिटी रिसोर्स ग्रुप के पास कई प्रोजेक्ट हैं।
ब्रिटेन
एरिनी इंटरनेशनल, ब्रिटेन की प्राइवेट आर्मी है। इसके पास 16 हजार से ज्यादा जवान है। एरिनी इंटरनेशनल की जवानों की सबसे ज्यादा उपस्थिति अफ्रीका में है। आपको बता दें 282 स्थानों में एरिनी इंटरनेशनल के जवान मौजूद हैं।
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में एशिया सिक्योरिटी ग्रुप नाम की प्राइवेट आर्मी है। इसका हेडक्वार्टर काबुल में है। इसमें करीब 600 जवान हैं। एक समय एशिया सिक्योरिटी ग्रुप की कमान अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के रिश्तेदार हश्मत करजई के पास थी। आपको बता दें की अमेरिका ने अफगानिस्तान की इस आर्मी का कई बार इस्तेमाल किया है। साथ ही साथ अमेरिका ने एशिया सिक्योरिटी ग्रुप पर बेतहाशा पैसा भी खर्च किया है।
वर्जिनिया
वर्जिनिया में DynCorp नाम की एक प्राइवेट आर्मी है। जिसके पास कई प्रोजेक्ट हैं। इस समय में इस ग्रुप में करीब 10 हजार से ज्यादा जवान होंगे। इस आर्मी के जवानों ने कोलंबिया के बागियों के समूह के साथ जंग भी लड़ी थी।