रेमन बाउल, पश्मीना शॉल...पीएम मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री को दिए ये गिफ्ट्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और उनकी पत्नी योशिको को भारतीय कला और संस्कृति दर्शाने वाले उपहार दिए. पश्मीना शॉल और चंद्रमणि कटोरे ने कश्मीर की शिल्प परंपरा व राजस्थान की परचिन कारी को प्रदर्शित किया. इस यात्रा में उन्होंने बुलेट ट्रेन से सफर किया और 16 गवर्नरों से सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की.

PM Modi Japan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और उनकी पत्नी योशिको को ऐसे उपहार भेंट किए जो भारतीय शिल्पकला और सांस्कृतिक धरोहर की गहरी झलक प्रस्तुत करते हैं. इन उपहारों ने भारत की परंपरा और जापान की संस्कृति के बीच एक अनूठा सेतु बनाने का काम किया.
योशिको इशिबा को भेंट की गई पश्मीना शॉल
प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री की पत्नी योशिको इशिबा को हाथ से बुनी हुई पश्मीना शॉल भेंट की. यह शॉल लद्दाख की चांगथांगी बकरी के महीन ऊन से बनी है, जो अपनी कोमलता, हल्केपन और गर्माहट के लिए दुनिया भर में मशहूर है. कश्मीरी कारीगरों द्वारा निर्मित इस शॉल का आधार हाथीदांत रंग का है और उस पर जंग लगे, गुलाबी और लाल रंग के पुष्प और पैस्ले डिजाइन उकेरे गए हैं. यह शॉल न केवल कश्मीर की शिल्प परंपरा को दर्शाती है, बल्कि उस ऐतिहासिक विरासत को भी सामने लाती है जिसे कभी राजघराने सहेज कर रखते थे.
कलात्मक डिब्बे में सजी शॉल
यह अनमोल शॉल एक हाथ से रंगे कागज की लुगदी के डिब्बे में सजी थी. डिब्बे पर खूबसूरत फूलों और पक्षियों की आकृतियां बनी थीं, जो इसकी कलात्मकता को और बढ़ा देती हैं. शॉल और उसका डिब्बा मिलकर कश्मीर की कालातीत भव्यता और सांस्कृतिक सौंदर्य का परिचय कराते हैं.
शिगेरु इशिबा के लिए अनूठा चंद्रमणि कटोरा
प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा को मूनस्टोन (चंद्रमणि) से बना एक बड़ा कटोरा भेंट किया, जिसमें चार छोटे कटोरे और चांदी की चॉपस्टिक्स भी शामिल थीं. यह उपहार भारतीय कलात्मकता और जापानी पाक परंपरा का संगम था. कटोरे का डिजाइन जापान के डोनबुरी और सोबा अनुष्ठानों से प्रेरित था. मुख्य कटोरे का आधार राजस्थान का प्रसिद्ध मकराना संगमरमर है, जिस पर पारंपरिक परचिन कारी तकनीक से अर्ध-कीमती पत्थरों की जड़ाई की गई थी.
चंद्रमणि का महत्व
आंध्र प्रदेश से प्राप्त चंद्रमणि अपनी चमक और शुद्धता के लिए जानी जाती है. भारतीय परंपरा में इसे प्रेम, संतुलन और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है. इस अनूठे उपहार ने भारत की आध्यात्मिकता और शिल्पकला को एक साथ उजागर किया.
जापान यात्रा का कार्यक्रम
एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जापान में कई अहम कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. उन्होंने शिगेरु इशिबा के साथ बुलेट ट्रेन से टोक्यो से सेंडाइ की यात्रा की. इसके अलावा, अपनी यात्रा के अंतिम दिन उन्होंने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रॉन का भी दौरा किया.
जापानी गवर्नरों से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के 16 प्रान्तों के गवर्नरों से भी मुलाकात की. उन्होंने भारत और जापान के बीच पारंपरिक टोक्यो-दिल्ली अक्ष से परे नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. इस पहल का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करना था.


