कनाडा की सड़कों पर खौफ क्यों, भारतीयों पर गोलियां और सिस्टम की खामोशी सवालों में
कनाडा में बढ़ती हिंसा ने भारतीय समुदाय को डरा दिया है. गैंगवार, टारगेट किलिंग और सिस्टम की सुस्ती ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनके जवाब अब जरूरी हैं.

कनाडा: कनाडा को लंबे समय तक सुरक्षित देश माना जाता रहा. लेकिन बीते कुछ वर्षों में तस्वीर बदली है. बड़े शहरों में गैंग सक्रिय हुए हैं. ड्रग्स और अवैध हथियारों का नेटवर्क फैला है. स्थानीय पुलिस दबाव में दिखती है. कानून की सख्ती कम महसूस होती है. इसी ढील का फायदा अपराधी उठा रहे हैं. हिंसा अब खुलेआम हो रही है.
भारतीय ही निशाने पर क्यों दिखते हैं?
भारतीय प्रवासी मेहनती होते हैं. वे जल्दी आर्थिक रूप से आगे बढ़ते हैं. यही बात कुछ अपराधियों को चुभती है. रंगभेद की सोच भी एक वजह है. कई मामलों में जबरन वसूली का खेल होता है. नए आए लोग डर के कारण शिकायत नहीं करते. यह चुप्पी अपराध को बढ़ाती है. इसलिए भारतीय आसान लक्ष्य बनते हैं.
टोरंटो में शिवांग अवस्थी क्यों टारगेट हुए?
टोरंटो जैसे शहर में हत्या सामान्य नहीं मानी जाती. शिवांग अवस्थी का मामला चौंकाने वाला है. शुरुआती संकेत निजी रंजिश की ओर जाते हैं. कुछ मामलों में पहचान गलत होने की बात भी आती है. गैंगवार में कई बार निर्दोष लोग मारे जाते हैं. पुलिस जांच लंबी चलती है. परिवारों को जवाब देर से मिलता है. यही सबसे बड़ा दर्द है.
पहले भी क्यों हो चुकी हैं ऐसी हत्याएं?
यह पहला मामला नहीं है. पहले भी भारतीय युवाओं पर हमले हुए हैं. कहीं ड्रग नेटवर्क जुड़ा, कहीं रंगभेद. कुछ केस सुलझे, कई अधूरे रह गए. सजा की दर कम रही है. इससे अपराधियों का हौसला बढ़ा. जब डर खत्म होता है, हिंसा बढ़ती है. यही पैटर्न दोहराया जा रहा है.
पंजाब से कनाडा जाने वालों के लिए खतरा कहां?
पंजाब के युवा बड़ी संख्या में कनाडा जाते हैं. कई एजेंट झूठे सपने दिखाते हैं. छात्र अकेलेपन में गलत संगत में फंसते हैं. कुछ को जल्दी पैसा कमाने का लालच होता है. यहीं से खतरा शुरू होता है. गैंग ऐसे युवाओं को आसानी से फंसाते हैं. सही जानकारी न होना सबसे बड़ी कमजोरी है.
कौनसे सुरक्षित विकल्प चुनने चाहिए?
पहला विकल्प पढ़ाई पर पूरा फोकस रखना है. पार्ट टाइम काम कानूनी दायरे में करें. अनजान लोगों से दूरी रखें. ड्रग्स और कैश वाले काम से दूर रहें. जरूरत पड़े तो भारतीय समुदाय संगठनों से जुड़ें. पुलिस से डरें नहीं. सुरक्षा नियमों का पालन करें. यही सबसे सुरक्षित रास्ता है.
सरकार और सिस्टम से जवाबदेही कब?
कनाडा की सरकार बहुसंस्कृति की बात करती है. लेकिन सुरक्षा पर सवाल हैं. भारतीय समुदाय को भी आवाज उठानी होगी. राजनयिक स्तर पर दबाव जरूरी है. जांच तेज होनी चाहिए. सख्त सजा का संदेश जाना चाहिए. तभी डर टूटेगा. वरना खौफ यूं ही बढ़ता रहेगा.


