हज 2025: सऊदी अरब ने दिखाई सख्ती, हजारों पाकिस्तानियों को नहीं मिलेगी एंट्री
हज यात्रा मई में आरंभ होने वाली है, लेकिन उससे पहले सऊदी सरकार ने ऐसा कदम उठाया है जिससे यह संकेत मिलता है कि वह इस बार पाकिस्तानियों की भागीदारी को सीमित रखना चाहती है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. भारत की ओर से की गई सख्त कार्रवाई के बाद अब सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान के प्रति अपना रुख कठोर कर लिया है. सऊदी सरकार ने 2025 हज यात्रा को लेकर पाकिस्तान से आने वाले तीर्थयात्रियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 67,210 निजी हज यात्रियों के आवेदन खारिज कर दिए हैं. यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब 29 अप्रैल से पाकिस्तान से हज के लिए पहली उड़ान रवाना हो चुकी है.
पाक से कितने तीर्थयात्रियों को हज जाना था?
पाकिस्तान से इस वर्ष कुल 90,830 तीर्थयात्रियों को निजी टूर ऑपरेटरों के माध्यम से हज पर जाना था, लेकिन अब केवल 23,620 लोग ही इस माध्यम से यात्रा कर पाएंगे. पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने भी पुष्टि की है कि 2025 में सिर्फ 26 प्रतिशत तीर्थयात्री निजी टूर स्कीम के तहत हज कर पाएंगे.
इस अप्रत्याशित फैसले के बाद पाकिस्तान सरकार में हड़कंप मच गया है. प्रधानमंत्री की ओर से एक जांच समिति गठित की गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इतनी बड़ी संख्या में आवेदन क्यों अस्वीकृत हुए. हालांकि अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है और अधिकांश आवेदनों को खारिज ही रखा गया है.
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का हालिया बयान
इस पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का हालिया बयान भी उल्लेखनीय है, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान का अतीत आतंकवादी संगठनों को समर्थन और वित्तीय सहायता देने से जुड़ा रहा है. यह बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि को और नुकसान पहुंचा रहा है और उसे एक "दुष्ट राष्ट्र" के रूप में पेश कर रहा है, जो क्षेत्रीय अस्थिरता और वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है. सऊदी अरब का यह कदम न सिर्फ धार्मिक मामलों में कड़ा संदेश है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि दुनिया अब आतंकवाद के समर्थन को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहती.


