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सऊदी अरब ने UAE के हथियारों पर बरसाए बम, यमन में भड़की दो इस्लामिक देशों में जंग की आग!

यूएई से आए हथियारों की खेप को निशाना बनाते हुए सऊदी अरब ने यमन के मुकाला बंदरगाह पर हवाई हमला किया. हमले को लेकर सऊदी ने कहा कि ये हथियार सुरक्षा के लिए खतरा थे.

खाड़ी क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है. सऊदी अरब ने यमन के मुकाला बंदरगाह पर हवाई हमला किया, जहां यूएई से आए हथियारों की खेप को निशाना बनाया गया. यह हमला दक्षिणी अलगाववादी गुट सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (STC) के लिए था, जो यूएई का समर्थन प्राप्त है. सऊदी का कहना है कि ये हथियार सुरक्षा के लिए खतरा थे. 

हमले की वजह 

सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने मंगलवार सुबह यह सीमित सैन्य कार्रवाई की. दो जहाज यूएई के फुजैरा बंदरगाह से मुकाला पहुंचे थे. इनमें बड़ी मात्रा में हथियार और लड़ाकू वाहन उतारे गए. सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, इन हथियारों से स्थिरता को खतरा था, इसलिए इन्हें नष्ट किया गया. हमले में कोई हताहत नहीं हुआ और नागरिक नुकसान से बचने के लिए रात में कार्रवाई की गई. हालांकि यूएई ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है. 

यमन में बढ़ता तनाव

यमन में 2014 से गृहयुद्ध चल रहा है. ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी नेतृत्व वाला गठबंधन लड़ रहा है. एसटीसी दक्षिण यमन की स्वतंत्रता चाहता है और हाल ही में हदरामौत व अल-महरा प्रांतों पर कब्जा कर लिया. ये इलाके तेल से समृद्ध हैं और सऊदी की सीमा से लगे है. सऊदी ने पहले भी एसटीसी को चेतावनी दी थी और कुछ हवाई हमले किए थे. यह नया हमला एसटीसी को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश लगता है. 

सऊदी और यूएई के रिश्तों पर असर

दोनों देश करीबी सहयोगी हैं, लेकिन यमन को लेकर मतभेद बढ़ गए हैं. सऊदी अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार का समर्थन करता है, जबकि यूएई एसटीसी की मदद करता है. विश्लेषक कहते हैं कि इससे दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है. हालांकि, अभी बड़े संघर्ष की आशंका कम है, क्योंकि दोनों की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़ी है.

बातचीत के प्रयास भी चल रहे हैं. यह घटना यमन की जटिल स्थिति को और उलझा रही है. उम्मीद है कि कूटनीति से मामला सुलझे और क्षेत्र में शांति बनी रहे.

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