अमेरिका से निर्वासित भारतीयों का दूसरा जत्था भारत लौटा, अमृतसर में लैंड हुई फ्लाइट
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासियों की घर वापसी का सिलसिला जारी है. शनिवार (15 फरवरी, 2025) को अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 116 भारतीयों को लेकर एक विशेष विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा. हालांकि, इस फ्लाइट में 119 यात्रियों के आने की सूचना थी, लेकिन तीन यात्री विमान में सवार नहीं थे. इस बात की पुष्टि आधिकारिक सूत्रों ने की है.

अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों की घर वापसी जारी है. शनिवार (15 फरवरी, 2025) को अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 116 भारतीय प्रवासियों को लेकर एक विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड कर गया. हालांकि, इस फ्लाइट में 119 यात्रियों के आने की सूचना थी, लेकिन तीन लोग विमान में नहीं थे, जिसकी पुष्टि आधिकारिक सूत्रों ने की है.
यह अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों की वापसी का दूसरा बड़ा जत्था है, जबकि तीसरा विमान 16 फरवरी को आने की संभावना जताई जा रही है. इससे पहले 5 फरवरी को पहला सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा था.
कौन-कौन से राज्यों के लोग डिपोर्ट हुए?
अमेरिका ने जिन भारतीयों को डिपोर्ट किया है, उनमें सबसे ज्यादा 100 लोग पंजाब और हरियाणा के रहने वाले हैं.
- पंजाब: 67
- हरियाणा: 33
- गुजरात: 8
- उत्तर प्रदेश: 3
- गोवा, महाराष्ट्र, राजस्थान: 2-2
- हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर: 1-1
इस बार निर्वासित भारतीयों के समूह में चार महिलाएं और दो नाबालिग भी शामिल हैं. इनमें एक 6 साल की बच्ची भी है, जिसे परिजनों के साथ वापस भेजा गया है.
16 फरवरी को आएगा तीसरा विमान, 157 और भारतीय होंगे डिपोर्ट
अमेरिकी प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया हुआ है. इसी के तहत तीसरा विमान 16 फरवरी को 157 और भारतीयों को लेकर अमृतसर पहुंचेगा. अधिकतर निर्वासितों की उम्र 18 से 30 साल के बीच बताई जा रही है. बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कड़े फैसले लिए थे, जिसे जो बाइडेन प्रशासन भी आगे बढ़ा रहा है.
अमेरिका में कितने अवैध भारतीय प्रवासी?
प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में करीब 7.25 लाख अवैध भारतीय प्रवासी रहते हैं. यह संख्या मेक्सिको और अल सल्वाडोर के बाद तीसरे स्थान पर आती है. पंजाब और अन्य राज्यों के कई युवा "डंकी रूट" (अवैध और खतरनाक रास्ते) के जरिए अमेरिका पहुंचते हैं, लेकिन सख्त इमिग्रेशन पॉलिसी के चलते अब उन्हें निर्वासन झेलना पड़ रहा है.


