शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से ला रहे हैं अनमोल खजाना, जानिए क्या है इसमें खास
भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन ISS पर बिताने के बाद आज धरती पर लौटेंगे. Axiom-4 मिशन के तहत, वे 14 जुलाई को वापसी शुरू करेंगे.

Shubhanshu Shukla Space Mission: शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अब पृथ्वी पर लौटने की तैयारी कर ली है. Axiom-4 मिशन के तहत शुक्ला और उनके तीन अन्य साथी अंतरिक्ष यात्री 14 जुलाई को अपनी वापसी की यात्रा शुरू किया. नासा के अनुसार, उनकी पृथ्वी पर सुरक्षित लैंडिंग 15 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे (Indian Time) निर्धारित है. यह मिशन न केवल भारत के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण कदम है. शुक्ला ने अंतरिक्ष में भारतीय संस्कृति का स्वाद भी पहुंचाया, जहां उन्होंने आम रस और गाजर का हलवा अपने साथ ले जाकर इतिहास रचा.
अंतरिक्ष से वैज्ञानिक खजाने की वापसी
नासा ने बताया कि Axiom-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्री अपने साथ कई दुर्लभ और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सामग्रियां लेकर लौट रहे हैं. इनमें 263 किलोग्राम वजनी वैज्ञानिक उपकरण, नासा के स्पेस हार्डवेयर और 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों का डेटा शामिल है. ये प्रयोग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र के लिए अहम साबित होंगे.
वापसी की प्रक्रिया शुरू
Axiom-4 मिशन के सभी वैज्ञानिक प्रयोग पूरे हो चुके हैं, और अब क्रू की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. Indian Time 14 जुलाई की शाम 4:35 बजे ( सुबह 7:05 बजे) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से ड्रैगन यान की ‘अनडॉकिंग’ प्रक्रिया शुरू होगी. यह प्रक्रिया मिशन के अंतिम चरण में होगी.
Axiom-4 मिशन की टीमइस मिशन में चार सदस्यीय दल शामिल है,
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पैगी व्हिटसन – मिशन कमांडर
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शुभांशु शुक्ला – पायलट
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स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की – मिशन विशेषज्ञ
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टिबोर कापू – मिशन विशेषज्ञ
शुक्ला की ऐतिहासिक उपलब्धि
शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं. इससे पहले, 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत रूस के सैल्यूट-7 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा की थी. शुक्ला की इस यात्रा ने उन्हें दूसरा भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनाया है. उन्होंने अपने साथ आम रस और गाजर का हलवा ले जाकर अंतरिक्ष में भारतीय स्वाद का परिचय दिया.
ड्रैगन यान का प्रक्षेपण
Axiom-4 मिशन के तहत ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद, यह यान 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा. इस मिशन ने अंतरिक्ष अनुसंधान में नए नाम स्थापित किए.


