सिंगापुर पीएम की चेतावनी, क्या तीसरा विश्व युद्व हो सकता है? असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा..
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने हाल ही में चेतावनी दी कि चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के कारण तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है. वोंग ने कहा कि अगर दोनों शक्तिशाली देश आपस में भिड़ते हैं, तो इसका परिणाम न केवल उनके लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी हो सकता है. उनका यह बयान वैश्विक राजनीति में बढ़ती अस्थिरता और दोनों देशों के बीच की कड़ी प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में आया है.

जेपी मॉर्गन चेस के सीईओ जेमी डिमन ने एक गंभीर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि तीसरा विश्व युद्ध पहले ही शुरू हो चुका है. यह जलवायु परिवर्तन से भी बड़ा खतरा बन सकता है. वित्तीय बाजारों पर पारंपरिक रूप से ध्यान केंद्रित करने वाले डिमन ने अपने बयान में बढ़ते भू-राजनीतिक संकटों की ओर इशारा किया, जिनका प्रभाव आर्थिक चुनौतियों से कहीं अधिक गहरा हो सकता है.
भू-राजनीतिक संकटों पर चिंता
डिमन ने यूक्रेन और मध्य पूर्व में चल रहे युद्धों के साथ-साथ रूस, चीन, उत्तर कोरिया और ईरान के बढ़ते गठबंधन को वैश्विक व्यवस्था के बिगड़ने का संकेत माना. इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस (IIF) की वार्षिक बैठक में बोलते हुए, उन्होंने कहा, ये देश स्पष्ट रूप से द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की स्थापित वैश्विक व्यवस्था को खत्म करने का लक्ष्य बना रहे हैं.
वैश्विक युद्ध के संभावित आर्थिक परिणाम
जेपी मॉर्गन की जोखिम प्रबंधन टीम ने चेतावनी दी है कि अनियंत्रित वैश्विक संघर्ष का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है. डिमन ने यह भी कहा, दुनिया का परमाणु शस्त्रागार मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है, यहां तक कि जलवायु परिवर्तन से भी अधिक. उन्होंने इस बात की संभावना जताई कि वैश्विक संघर्ष के परिणाम वर्तमान में अनुमानित से कहीं अधिक भयावह हो सकते हैं.
चीन और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने भी इसी सप्ताह चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताते हुए कहा था कि इस संघर्ष के कारण एक वैश्विक युद्ध का खतरा पैदा हो सकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के युद्ध से विश्व अर्थव्यवस्था और राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर असर पड़ेगा.
अमेरिका-चीन व्यापार विवाद
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ती जा रही है. डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही चीन के आयात पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है. दुनिया भर के नेताओं को यह डर है कि इस कदम से व्यापार युद्ध फिर से भड़क सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता ला सकता है.


