गाजा में भुखमरी से हालात बदतर, 24 घंटे में 15 लोगों की मौत, संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
गाजा में भूख, कुपोषण और इजरायली हमलों से हालात गंभीर हो चुके हैं. अब तक 59,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र और राहत संगठन हालात सुधारने की अपील कर रहे हैं, लेकिन इजरायल सैन्य विजय को शांति की शर्त मान रहा है.

गाजा सिटी के एक अस्पताल में बुधवार को छह सप्ताह के मासूम यूसेफ की भूख से मौत हो गई. डॉक्टरों ने उसे बचाने की भरपूर कोशिश की, मगर वे उसे सिर्फ थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ ही दे पाए. दुर्भाग्य से, यह प्रयास नाकाफी साबित हुआ. यूसेफ उन 15 लोगों में शामिल था, जिन्होंने पिछले 24 घंटों में गाजा में भूख के चलते अपनी जान गंवाई.
दो महीनों में भूख और कुपोषण से कई मौतें
गाजा में बीते दो महीनों में भूख और कुपोषण के कारण बड़ी संख्या में बच्चों और बुजुर्गों की मौत हो चुकी है. दवाओं की भारी कमी और चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में मरने वालों का आंकड़ा जोड़ें, तो यह संकट और भी भयावह दिखता है. हालात इतने खराब हैं कि जब भूखे लोग भोजन या पानी के लिए राहत केंद्रों की ओर जाते हैं, तो उन पर गोलियां चल जाती हैं. इजरायली सैनिकों की ऐसी कार्रवाइयों में बीते सात हफ्तों में एक हजार से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं.
यूसेफ के चाचा के मुताबिक, गाजा में दूध मिलना बेहद मुश्किल हो गया है. जहां कहीं यह उपलब्ध है, वहां उसकी कीमत 100 डॉलर प्रति लीटर तक पहुंच गई है. इस भयावह स्थिति को लेकर 111 अंतरराष्ट्रीय राहत और मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में गाजा में दसियों हजार लोगों की भुखमरी से मौत हो सकती है.
गाजा की स्थिति को "नरक जैसे हालात" बताते हुए इन संगठनों ने मांग की है कि खाद्य सामग्री, पेयजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर जो बंदिशें हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि इजरायल पर दबाव बनाकर मानवीय सहायता को गाजा तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
संयुक्त राष्ट्र ने की निंदा
संयुक्त राष्ट्र पहले ही गाजा की स्थिति पर गहरी चिंता जता चुका है. उसने इजरायली सेना द्वारा राहत केंद्रों पर किए गए हमलों की निंदा करते हुए कहा कि इससे लोगों की जीने की आखिरी उम्मीद भी टूट रही है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत डैनी डैनन ने इन हालात के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया है और कहा कि इजरायल को जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है.
ताजा इजरायली हमलों में 21 लोगों की जान गई है, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे. अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में मारे गए लोगों की संख्या 59,000 से ज्यादा हो चुकी है. इस बीच, युद्धविराम को लेकर वार्ताएं चल रही हैं, लेकिन इजरायल ने स्पष्ट किया है कि वहां स्थायी शांति तभी संभव है जब सेना को पूरी विजय मिल जाए.


