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दीपू चंद्र दास की हत्या के मामले में 6 और गिरफ्तार, 4 हत्यारों ने कबूला गुनाह

बांग्लादेश में हालिया मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद अमृत मंडल की भी भीड़ द्वारा जान चली गई. अंतरिम सरकार ने इस घटना को सांप्रदायिक हिंसा से अलग बताया है. वहीं पुलिस ने दीपू दास हत्याकांड में कई गिरफ्तारियां कर जांच तेज कर दी है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनती जा रही हैं. हाल के दिनों में सामने आई मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल खड़े किए हैं. दीपू चंद्र दास की हत्या के कुछ ही दिनों बाद एक और हिंदू युवक की भीड़ द्वारा हत्या किए जाने की खबर ने हालात की गंभीरता को और उजागर कर दिया है.

दीपू दास के बाद अमृत मंडल की हत्या 

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 29 वर्षीय अमृत मंडल, जिसे सम्राट के नाम से भी जाना जाता था, की बुधवार रात राजबाड़ी जिले के पांग्शा उप-जिले में भीड़ के हमले में जान चली गई. यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब पहले से ही अल्पसंख्यक समुदाय खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है. घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल देखा गया और प्रशासन को स्थिति संभालने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ी.

अंतरिम सरकार का पक्ष
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस घटना को सांप्रदायिक हिंसा से जोड़ने से इनकार किया है. सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अमृत मंडल एक कुख्यात अपराधी था और वह जबरन वसूली के इरादे से इलाके में आया था. बयान के अनुसार, स्थानीय निवासियों के साथ उसकी झड़प हुई, जो बाद में हिंसक रूप ले गई और इसी दौरान उसकी मौत हो गई. सरकार का दावा है कि इस घटना के पीछे किसी प्रकार का धार्मिक या सांप्रदायिक कारण नहीं था.

दीपू चंद्र दास हत्याकांड में जांच तेज
इस बीच दीपू चंद्र दास की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को पुलिस ने इस मामले में छह और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में विभिन्न जिलों के युवक शामिल हैं, जो अलग-अलग पेशों से जुड़े बताए जा रहे हैं. इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 18 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है, जिससे साफ है कि प्रशासन इस हत्याकांड को गंभीरता से ले रहा है.

चार आरोपियों ने स्वीकार किया अपराध 
बांग्लादेश पुलिस ने यह भी जानकारी दी है कि दीपू चंद्र दास की हत्या के मामले में चार आरोपियों ने अदालत में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. इन आरोपियों ने वरिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए, जिससे मामले की जांच को महत्वपूर्ण दिशा मिली है. पुलिस का कहना है कि स्वीकारोक्ति के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है और अन्य आरोपियों की भूमिका की भी गहनता से जांच की जा रही है.

दोषियों को सख्त सजा मिले 
लगातार हो रही इन घटनाओं ने बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं. मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऐसी घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा देना जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की हिंसा को रोका जा सके. साथ ही, सरकार के लिए यह भी चुनौती है कि वह समुदायों के बीच विश्वास बहाल करे और यह सुनिश्चित करे कि किसी भी नागरिक के साथ धर्म या पहचान के आधार पर अन्याय न हो.

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26 December 2025, 05:35 PM IST

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