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पिता को बचाने के लिए मगरमच्छ से भिड़ गया बेटा, जान की बाजी लगा दी...राष्ट्रपति मुर्मू ने दिल्ली बुलाकर किया सम्मानित

आगरा के झरनापुरा हरलालपुर गांव के अजयराज ने चंबल नदी किनारे मगरमच्छ के हमले से अपने पिता की जान बचाकर असाधारण साहस दिखाया.इस बहादुरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अजयराज को सम्मानित किया, जिससे गांव और क्षेत्र में गर्व का माहौल है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से सामने आई एक घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा है, जहां एक बेटे ने अदम्य साहस दिखाते हुए अपने पिता की जान बचाई. आगरा के झरनापुरा हरलालपुर गांव के निवासी किसान वीरभान चाहर के बेटे अजयराज ने जिस सूझबूझ और हिम्मत का परिचय दिया, वह आज समाज के लिए प्रेरणा बन चुका है. यह घटना न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव के लिए गर्व का विषय बन गई.

नदी किनारे अचानक आया संकट

आपको बता दें कि यह मामला जुलाई 2025 का है, जब वीरभान चाहर अपने बेटे अजयराज के साथ आगरा-धौलपुर सीमा क्षेत्र में चंबल नदी के किनारे पानी लेने गए थे. सब कुछ सामान्य चल रहा था, तभी अचानक नदी में मौजूद एक मगरमच्छ ने वीरभान के पैर को पकड़ लिया और उन्हें पानी की ओर खींचने लगा. कुछ ही पलों में स्थिति गंभीर हो गई और वहां अफरा-तफरी मच गई. यह वह क्षण था, जब एक बेटे की सूझबूझ और साहस की असली परीक्षा हुई.

डर पर काबू पाकर दिखाई बहादुरी
पिता की चीख सुनते ही अजयराज पहले तो घबरा गया, लेकिन जैसे ही उसने अपने पिता को खतरे में देखा, उसने खुद को संभाला. उसने पास ही पड़ा बबूल का एक मजबूत डंडा उठाया और बिना देर किए मगरमच्छ को डराने के लिए वार करने लगा. अचानक हुए इन प्रहारों से मगरमच्छ घबरा गया और कुछ ही क्षणों बाद वीरभान को छोड़कर वापस नदी की ओर चला गया. इस दौरान मगरमच्छ ने एक बार अजयराज की ओर भी झपट्टा मारा, लेकिन उसकी सतर्कता और समझदारी ने उसे सुरक्षित रखा.

समय पर इलाज से बची जान
घटना के बाद वीरभान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार किया गया. हालत नाजुक होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें आगरा रेफर कर दिया. चिकित्सकों का कहना था कि यदि समय पर मदद न मिलती तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी. परिवार के लिए यह राहत की बात रही कि वीरभान की जान बच गई.

देशभर में गूंजा साहस का किस्सा
इस साहसिक घटना की खबर धीरे-धीरे क्षेत्र से निकलकर पूरे प्रदेश और फिर देशभर में फैल गई. हर कोई अजयराज की बहादुरी और त्वरित निर्णय क्षमता की सराहना करने लगा. लोगों ने इसे एक साधारण ग्रामीण बच्चे द्वारा दिखाई गई असाधारण हिम्मत बताया.

राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
अजयराज की बहादुरी को देखते हुए उसे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने का निर्णय लिया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में अजयराज को सम्मान प्रदान किया. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि अजयराज जैसे बच्चे समाज के लिए प्रेरणा हैं और उनका साहस आने वाली पीढ़ियों को निस्वार्थ सेवा और हिम्मत का संदेश देता है.

गांव में खुशी और गर्व का माहौल
राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलने की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई. ग्रामीणों ने इसे अपने गांव और इलाके के लिए गौरव का क्षण बताया. अजयराज की कहानी आज न केवल साहस की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि संकट की घड़ी में धैर्य और समझदारी से बड़ा खतरा भी टाला जा सकता है.

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26 December 2025, 06:50 PM IST

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