एक दिन युनूस को भी भागना पड़ेगा...उस्मान हादी की मौत के बाद अंतरिम सरकार को किसने ललकारा?
बांग्लादेश में चुनाव से पहले ढाका-8 के निर्दलीय उम्मीदवार उस्मान हादी की हत्या ने राजनीतिक तनाव बढ़ाया. भाई और इकबाल मंच ने अंतरिम सरकार पर हत्या और चुनाव रोकने का आरोप लगाया, न्यायिक कार्रवाई में तेजी और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की.

नई दिल्ली: बांग्लादेश में राजनीतिक हालात इस समय गहरी चिंता का विषय बन गए हैं. देश में चुनाव शेड्यूल के ऐलान के बाद राजनीतिक हिंसा में तेजी आई है और हाल ही में ढाका-8 से निर्दलीय उम्मीदवार और इकबाल मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्या ने न केवल स्थानीय राजनीति को हिला दिया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता पैदा की है.
भाई ने लगाया अंतरिम सरकार पर हत्या का आरोप
उस्मान हादी के भाई, शरीफ उमर हादी, ने अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस की सरकार पर आरोप लगाया कि उनके भाई की हत्या आगामी चुनावों को टालने के लिए करवाई गई. उमर ने यह बयान शाहबाग में आयोजित इकबाल मंच के 'शहीदी शपथ' कार्यक्रम में दिया. उन्होंने कहा कि उस्मान हादी को आपने ही मरवाया है. अब आप इसे मुद्दा बनाकर चुनाव को नाकाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उमर ने यह भी चेतावनी दी कि यदि वर्तमान स्थिति नहीं सुधरी तो यूनुस को भी बांग्लादेश छोड़ना पड़ेगा.
ढाका में गोलीबारी
12 दिसंबर को ढाका में उस्मान हादी पर हमला किया गया, जिसके बाद उन्हें सिंगापुर इलाज के लिए भेजा गया था. हालांकि 10 दिसंबर को उनकी मौत हो गई. इस घटना ने बांग्लादेश में अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले राजनीतिक गहमागहमी और तेज कर दी है.
चुनाव टालने के लिए हत्या का आरोप
इकबाल मंच के अनुसार, उस्मान हादी ने फरवरी तक नेशनल चुनाव कराने का समर्थन किया था और अधिकारियों से चुनाव के माहौल में बाधा न डालने की अपील की थी. मंच के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने कहा कि हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए अंतरिम सरकार को पहले ही 30 वर्किंग-डे का अल्टीमेटम दिया गया था, जिसे अब दोहराया गया है.
इंसाफ न मिलने पर आंदोलन की धमकी
सोमवार को इकबाल मंच ने चेतावनी दी कि अगर हादी हत्या में न्याय नहीं मिला, तो वे यूनुस की अंतरिम सरकार को हटाने के लिए आंदोलन शुरू करेंगे. ढाका में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अल जाबेर ने कहा कि 20 दिसंबर को हादी के अंतिम संस्कार के दौरान 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया, लेकिन इस दौरान गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी या बांग्लादेशी अधिकारियों की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई.
न्यायिक कार्रवाई में तेजी की मांग
इकबाल मंच ने गृह सलाहकार, उनके खास सहायक और कानूनी सलाहकार से तुरंत इस्तीफे की मांग की और हादी की हत्या के मामलों में न्यायिक कार्रवाई स्पीडी ट्रायल ट्रिब्यूनल के जरिए अधिकतम 30 वर्किंग डेज में पूरी करने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्रालय की ब्रीफिंग में न तो गृह सलाहकार और न ही उनके विशेष सहायक शामिल हुए, जिससे इस घटना को हल्का दिखाने की कोशिश की गई.


