चक्रवात दित्वा की तबाही के बाद श्रीलंका में आपातकाल, 120 से ज्यादा लोगों की मौत
चक्रवात दित्वा ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है. इसके चलते राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया है.

चक्रवात दित्वा ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है, जिसके चलते राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया है. तेज हवाओं, मूसलाधार बारिश और बाढ़ जैसी परिस्थितियों ने द्वीप के कई हिस्सों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है.
श्रीलंका में अब तक कितनी मौत
अब तक 120 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. सरकारी राजपत्र में शुक्रवार देर रात और शनिवार सुबह जारी अधिसूचना में देशभर में आपातकाल लागू होने की पुष्टि की गई.
आपातकाल की घोषणा एक सर्वदलीय बैठक के बाद की गई, जिसमें विपक्षी दलों ने भी स्थिति को देखते हुए विशेष प्रावधान लागू करने की मांग उठाई थी. डॉक्टरों के संगठनों ने भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर चेताया था कि राहत और बचाव कार्यों को तेज़ करने के लिए आपातकाल आवश्यक है.
अधिकारियों का कहना है कि आपातकाल लागू होने से सेना, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नागरिक प्रशासन और आपदा प्रबंधन से जुड़े बलों की तुरंत तैनाती संभव हो सकेगी. इससे राहत सामग्री के वितरण, फंसे लोगों को निकालने और क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में चिकित्सा सहायता पहुँचाने की गति बढ़ने की उम्मीद है.
दक्षिण भारतीय तट की ओर बढ़ रहा 'दित्वा'
चक्रवात दित्वा श्रीलंका से होते हुए दक्षिण भारतीय तट की ओर बढ़ रहा है, लेकिन मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव अभी कुछ समय और महसूस किए जाएंगे. मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक अथुला करुणानायके ने बताया कि भले ही चक्रवात आगे बढ़ चुका है, लेकिन तेज़ हवाओं और भारी बारिश का खतरा बना रहेगा.
आपदा प्रबंधन केंद्र (DMC) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, सुबह 9 बजे तक मृतकों की संख्या 123 पहुंच चुकी थी, जबकि लगभग 130 लोग अब भी लापता हैं. कई इलाकों में संचार व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो जाने से वास्तविक नुकसान का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. अधिकारियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कई प्रभावित क्षेत्रों से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है.
इस कठिन समय में भारत ने भी श्रीलंका की सहायता के लिए हाथ बढ़ाया है. ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत भारत ने शनिवार को एक सी-130जे विमान से 12 टन मानवीय राहत सामग्री कोलंबो भेजी. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बताया कि इस राहत सामग्री में टेंट, तिरपाल, कंबल, स्वच्छता किट और तैयार भोजन शामिल हैं. यह 24 घंटों में दूसरी बड़ी खेप है. इससे पहले भारतीय नौसेना के जहाज़ आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि 4.5 टन सूखा राशन, 2 टन ताज़ा खाद्य सामग्री और अन्य ज़रूरी सामान पहुंचा चुके हैं.


