भूकंप के तेज झटकों से कांपा पूर्वी भूमध्य सागर, कई देशों में महसूस हुई हलचल
ग्रीस के कासोस द्वीप पर 14 किलोमीटर की गहराई में आया 6.1 तीव्रता का भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसे इजराइल, मिस्र, लीबिया और तुर्की सहित पूरे पूर्वी भूमध्य सागर में महसूस किया गया. हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन क्षेत्र में डर और सतर्कता का माहौल बन गया.

बुधवार रात ग्रीस के कासोस द्वीप पर तेज भूकंप के झटकों ने लोगों को हिला कर रख दिया. यह भूकंप रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता का था और इसका केंद्र एजियन सागर में स्थित था. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप रात 22:51:16 UTC पर आया और इसकी गहराई मात्र 14 किलोमीटर थी, जो इसे एक "उथला भूकंप" बनाता है. उथले भूकंपों का प्रभाव सतह पर अधिक होता है, जिससे वे दूर-दराज तक महसूस किए जा सकते हैं.
भूकंप का केंद्र कासोस द्वीप के पास था, जो क्रेते और रोड्स के बीच स्थित है. यह द्वीप अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है तथा यहां लगभग एक हजार लोग रहते हैं. भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसके झटके मध्य इजराइल, मिस्र, लीबिया, तुर्की और पूर्वी भूमध्य सागर के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए. स्थानीय अधिकारियों ने भूकंप के तुरंत बाद अलर्ट जारी कर दिया, हालांकि अभी तक किसी प्रकार की क्षति या हताहतों की सूचना नहीं मिली है.
ग्रीस के कासोस द्वीप पर 6.1 तीव्रता का भूकंप
इस भूकंप ने एक बार फिर इस टेक्टोनिक रूप से सक्रिय क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है. पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में भूकंपों की घटनाएं बढ़ी हैं, जो पर्यावरण में हो रहे बदलावों और बढ़ते जोखिमों की ओर संकेत करती हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह इलाका भूगर्भीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है और यहां लगातार टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल होती रहती है.
आसपास के देशों में दहशत
भले ही इस घटना में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह भूकंप इस बात की याद दिलाता है कि प्राकृतिक आपदाओं से सतर्क और तैयार रहना कितना जरूरी है. क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय भूकंपीय निगरानी एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के शक्तिशाली झटके भविष्य में और भी गंभीर परिणाम ला सकते हैं, यदि समय रहते तैयारी नहीं की गई.


