टैरिफ का दबाव या कुछ और...कनाडा पीएम ने की राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ, भारत-पाकिस्तान के सीजफायर का दिया क्रेडिट
Canada: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को परिवर्तनकारी राष्ट्रपति बताते हुए भारत-पाकिस्तान के बीच शांति प्रयासों की सराहना की. ट्रंप ने दावा किया कि उनकी नीतियों और टैरिफ ने युद्ध रोके, जबकि भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सख्ती से खारिज किया.

Canada: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए उन्हें परिवर्तनकारी राष्ट्रपति कहा. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में ट्रंप की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय शांति, वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा में उल्लेखनीय योगदान दिया है.
व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात
व्हाइट हाउस में आयोजित द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री कार्नी ने ट्रंप की वैश्विक नीतियों की सराहना की. ओवल ऑफिस में बातचीत के दौरान कार्नी ने कहा कि आप एक परिवर्तनकारी राष्ट्रपति हैं. आपने न केवल अर्थव्यवस्था में नई दिशा दी है, बल्कि नाटो देशों को रक्षा खर्च बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है, भारत-पाकिस्तान से लेकर अजरबैजान और आर्मेनिया तक शांति कायम करने में भूमिका निभाई है और ईरान को आतंक की ताकत के रूप में कमजोर किया है. मार्च में पदभार संभालने वाले कार्नी ने इससे पहले मई में वाशिंगटन की यात्रा की थी. इस मुलाकात को कनाडा-अमेरिका संबंधों में एक कूटनीतिक बदलाव का संकेत माना जा रहा है, खासकर तब जब हाल के महीनों में ट्रंप द्वारा कनाडा पर लगाए गए टैरिफ और विवादास्पद बयानों से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था.
टैरिफ ने युद्ध रोके
एक दिन पहले, सोमवार को एक अलग भाषण में डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनकी व्यापारिक नीतियों और टैरिफ़ ने दुनिया के कई युद्धों को रोकने में मदद की है. उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं होता, तो सात में से कम से कम चार युद्ध अब तक छिड़ चुके होते. भारत और पाकिस्तान भी युद्ध के कगार पर थे. सात विमान गिराए गए थे. मैंने जो कहा, वह बहुत प्रभावी था. ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिका के व्यापारिक प्रभाव ने उसे शांति की ताकत” के रूप में स्थापित किया है और उनकी नीतियों के कारण वैश्विक संघर्षों में कमी आई है.
भारत-पाकिस्तान युद्धविराम का दावा
ट्रंप ने यह भी दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुआ युद्धविराम उनकी मध्यस्थता का परिणाम था. उन्होंने दावा किया कि वाशिंगटन में लंबी रात की वार्ता के बाद दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसी देशों ने पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई. उन्होंने यह बयान लगभग 50 बार दोहराया है, यह कहते हुए कि उनके प्रयासों से दक्षिण एशिया में एक बड़ा युद्ध टल गया. हालांकि, भारत ने इस दावे को बार-बार स्पष्ट रूप से खारिज किया है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि युद्धविराम पर सहमति भारत और पाकिस्तान के DGMO स्तर पर सैन्य संवाद के माध्यम से सीधे बनी थी, किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी.
भारत का रुख
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में किया गया था. उस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे. भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ढाँचों को निशाना बनाया. सीमा पार से गोलीबारी चार दिन चली, जिसके बाद 10 मई को युद्धविराम लागू हुआ. नई दिल्ली ने साफ कहा है कि यह निर्णय दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधा संवाद था, न कि किसी बाहरी हस्तक्षेप का परिणाम.
ट्रंप की मध्यस्थता पर विवाद जारी
भारत के सख्त इनकार के बावजूद, ट्रंप खुद को दक्षिण एशिया में शांति का निर्माता और बड़े युद्ध को रोकने वाला नेता के रूप में प्रस्तुत करते रहे हैं. वहीं, कार्नी की हालिया टिप्पणियां यह संकेत देती हैं कि कनाडा अब ट्रंप प्रशासन के साथ नए सिरे से कूटनीतिक तालमेल बनाने की दिशा में अग्रसर है.


