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थाईलैंड को मिला इन तीन देशों से मध्यस्थता का ऑफर, लेकिन नहीं मानी किसी की बात...अब आगे क्या

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद फिर से हिंसक रूप ले चुका है. गोलीबारी और रॉकेट हमलों में 15 से अधिक मौतें हुई हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. बारूदी सुरंग, मंदिर विवाद और राजनयिक तनाव के बीच अमेरिका, चीन व मलेशिया की मध्यस्थता अस्वीकार कर, मामला और जटिल हो गया है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच वर्षों से चला आ रहा सीमा विवाद एक बार फिर उग्र हो गया है. 24 जुलाई को दोनों देशों के सैनिकों के बीच भारी गोलीबारी और रॉकेट दागे जाने के साथ स्थिति और बिगड़ गई. संघर्ष की शुरुआत में ही 15 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज़्यादातर थाई नागरिक बताए जा रहे हैं. अब तक एक लाख से ज़्यादा लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं.

राजनयिक रिश्तों में खटास

तनाव बढ़ने के साथ ही दोनों देशों ने अपने-अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है, जिससे स्पष्ट है कि सैन्य संघर्ष के साथ-साथ राजनयिक रिश्ते भी बिगड़ते जा रहे हैं. थाई और कंबोडियाई सरकारें एक-दूसरे पर संघर्ष की शुरुआत करने का आरोप लगा रही हैं. ऐसे में हालात काफी चिंताजनक हो गए हैं.

मध्यस्थता पर असहमति

अमेरिका, चीन और मलेशिया ने दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की, लेकिन थाईलैंड ने इसे अस्वीकार कर दिया. थाई विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह मामला पूरी तरह द्विपक्षीय है और इसे बाहरी हस्तक्षेप के बिना हल किया जाना चाहिए. मंत्रालय का कहना है कि कंबोडिया को पहले सीमा पर हिंसा रोकनी होगी, तभी कोई सार्थक बातचीत संभव है.

कंबोडिया की संयुक्त राष्ट्र से अपील

हालांकि कंबोडिया की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन प्रधानमंत्री हुन मानेत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है. उन्होंने थाईलैंड पर बिना उकसावे के सैन्य कार्रवाई का आरोप लगाया है और कहा है कि यह हमला पूर्व नियोजित था.

विवाद की जड़: बारूदी सुरंग और मंदिर क्षेत्र

इस बार संघर्ष की शुरुआत सीमा पर बारूदी सुरंग विस्फोट से हुई, जिसमें एक थाई सैनिक घायल हुआ. थाईलैंड ने आरोप लगाया कि यह सुरंग हाल ही में कंबोडिया ने बिछाई थी. इसके जवाब में थाईलैंड ने कंबोडिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया और खुद का दूत वापस बुला लिया.

मलेशिया की शांति की अपील

आसियान के वर्तमान अध्यक्ष और मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है. थाईलैंड ने कहा कि यदि बातचीत आसियान के दायरे में भी हो, तो वह तभी स्वीकार्य होगी जब वह द्विपक्षीय रूप में हो.

मंदिर विवाद बना जंग की वजह

11वीं सदी का प्री विहिहर मंदिर इस संघर्ष की जड़ में है. 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना था, लेकिन इसके आसपास की 4.6 वर्ग किमी जमीन पर अब भी विवाद है. 2008 में मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर घोषित किए जाने के बाद यह विवाद और गहरा गया.

थाई पीएम की विदाई

इस संकट का राजनीतिक असर भी पड़ा है. 15 जून 2025 को थाई प्रधानमंत्री पाइथोंग्तार्न शिनावात्रा को इस्तीफा देना पड़ा. उन्होंने कंबोडियाई पीएम से गोपनीय फोन पर थाई सेना की आलोचना की थी, जो लीक हो गया. इससे सेना और आम जनता में भारी असंतोष फैला और कोर्ट के आदेश पर उन्हें पद छोड़ना पड़ा.

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25 July 2025, 09:25 PM IST

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