नेपाल के पीएम केपी ओली के घर तक जा पहुंची हिंसा की आग, पुश्तैनी घर पर पथराव, हालात बेकाबू
नेपाल में सोशल मीडिया ऐप बैन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसमें अब तक 18 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हो चुके हैं. काठमांडू से लेकर पीएम ओली के गृहनगर दमक तक फैले इस आंदोलन में युवाओं ने संसद भवन और ओली के पुश्तैनी घर को निशाना बनाया.

Nepal protest: नेपाल में सोशल मीडिया ऐप्स पर लगे बैन के खिलाफ भड़के विरोध प्रदर्शन सोमवार को हिंसक हो गए. राजधानी काठमांडू से लेकर कई प्रांतों तक फैले इस आंदोलन में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों घायल हुए हैं. हालात इतने बिगड़ गए कि संसद भवन तक प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया और पुलिस को पीछे हटना पड़ा.
काठमांडू से करीब 400 किलोमीटर दूर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के गृहनगर दमक (कोशी प्रांत) तक ये प्रदर्शन पहुंच गया, जहां गुस्साए युवाओं ने केपी ओली के पुश्तैनी घर पर पथराव किया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की.
Nepal | An urgent cabinet meeting is underway at the Prime Minister's residence, in Baluwatar, following violent protests that claimed over a dozen lives in a single day. https://t.co/jLA7fEJTfG
— ANI (@ANI) September 8, 2025
संसद के बाहर पुलिस-प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत
काठमांडू में संसद भवन के बाहर हजारों प्रदर्शनकारी जुटे और बैरिकेड्स तक तोड़ डाले. उन्होंने सुरक्षाबलों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देख पुलिस ने आंसू गैस, वाटर कैनन और यहां तक कि गोलियां तक चलाईं.
#WATCH | Nepal | People in Kathmandu stage a massive protest against the government over alleged corruption and the recent ban on social media platforms, including Facebook, Instagram, WhatsApp and others.
— ANI (@ANI) September 8, 2025
At least 18 people have died and more than 250 people have been injured… pic.twitter.com/9pO8yj2e1h
काठमांडू से दूर दमक क्षेत्र में भी गुस्से का माहौल देखने को मिला. प्रदर्शनकारियों ने पीएम ओली के पुश्तैनी घर पर पथराव किया और ईस्ट-वेस्ट हाईवे को कई जगहों पर आग लगाकर जाम कर दिया. इससे सड़क यातायात पूरी तरह से ठप हो गया.
युवाओं की अगुवाई में आंदोलन
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर युवा शामिल थे, जिन्होंने फेसबुक, एक्स (ट्विटर) और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगे बैन को खत्म करने की मांग उठाई. उनका कहना है कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबा रही है.
हालात बिगड़ते ही पुलिस ने की कार्रवाई
पुलिस ने चेतावनी दी थी कि स्थिति हाथ से निकल सकती है, लेकिन भीड़ काबू में नहीं आई. आखिरकार सुरक्षाबलों को गोली चलानी पड़ी, जिसमें अब तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई गंभीर रूप से घायल हैं.


