पाकिस्तान के किसी परमाणु प्लांट से कोई रिसाव नहीं, IAEA का दावा
IAEA ने पुष्टि की है कि भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान पाकिस्तान की किसी परमाणु सुविधा से कोई विकिरण रिसाव नहीं हुआ. सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों में 'ऑपरेशन सिंदूर' और किराना हिल्स पर हमले की बात गलत साबित हुई. भारत ने किसी परमाणु स्थल को निशाना नहीं बनाया. सरगोधा एयरबेस पर हमले की रिपोर्ट भी पुष्टि नहीं हुई. भारत की कार्रवाई पारंपरिक थी, और परमाणु युद्ध की अटकलें निराधार हैं.

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के दौरान पाकिस्तान की किसी भी परमाणु सुविधा से कोई विकिरण रिसाव नहीं हुआ. यह बयान ऐसे समय पर आया है जब सोशल मीडिया पर अफवाहें तेज़ी से फैल रही थीं कि भारतीय सेना द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान की परमाणु संपत्तियों को निशाना बनाया गया.
आईएईए की पुष्टि
आईएईए के प्रवक्ता ने एक समाचार एजेंसी को बताया, “संस्थान को जो जानकारियाँ उपलब्ध हैं, उनके अनुसार पाकिस्तान में स्थित किसी भी परमाणु संयंत्र से न तो कोई विकिरण रिसाव हुआ है और न ही कोई उत्सर्जन हुआ है.” यह बयान उन चिंताओं का जवाब था जो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हो रही थीं, जिनमें कहा गया था कि परमाणु स्थलों पर हमला होने से पर्यावरणीय खतरा उत्पन्न हो गया है.
किराना हिल्स नहीं हुआ कोई हमला
भारतीय वायुसेना के महानिदेशक एयर मार्शल ए.के. भारती ने साफ़ शब्दों में बताया कि भारत ने किराना हिल्स पर कोई हमला नहीं किया. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मजाकिया लहजे में कहा, "हमें तो यह भी नहीं पता था कि किराना हिल्स में कोई परमाणु सुविधा है. हमने उस क्षेत्र को बिल्कुल निशाना नहीं बनाया है, चाहे वहां कुछ भी हो."
विवादित दूरी और कनेक्शन
कुछ रिपोर्टों में यह दावा किया गया कि भारत ने सरगोधा एयरबेस पर हमला किया, जो किराना हिल्स के नजदीक स्थित है. हालांकि इन दोनों स्थानों के बीच की दूरी लगभग 18–20 किलोमीटर है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किराना हिल्स में भूमिगत परमाणु बंकर मौजूद हैं और उनके द्वार सील कर दिए जाएं, तो पाकिस्तान के लिए अपने परमाणु हथियारों तक पहुंच बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
परमाणु युद्ध की अटकलों पर विराम
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत ने परमाणु युद्ध को टाल दिया. जायसवाल ने कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक थी और इस तरह की अटकलें पूरी तरह निराधार हैं.


