रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म होते ही इन 4 सेक्टर्स को मिलेगा बूस्ट
रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म हो जाता है तो कुछ विशेष सेक्टर्स को इसका लाभ मिल सकता है. खासकर, स्टील, सीमेंट, कोर इंजीनियरिंग, और टेक्सटाइल्स जैसे सेक्टर्स में तेजी देखने को मिल सकती है. ऐसे में आइए एक-एक करके जानते है कि इसका क्या असर पड़ेगा?

रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर डाला है. अगर यह युद्ध खत्म हो जाता है तो कुछ खास सेक्टर्स को इसका फायदा हो सकता है. खासकर स्टील, सीमेंट, कोर इंजीनियरिंग और टेक्सटाइल्स जैसे सेक्टर्स में तेजी आ सकती है. इसका असर भारतीय कंपनियों पर भी सकारात्मक हो सकता है. आइए जानते हैं कि किस सेक्टर पर इसका क्या असर पड़ेगा.
स्टील
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय देशों में स्टील की मांग घट गई थी. लेकिन अगर युद्ध खत्म होता है तो इन देशों में निर्माण और उत्पादन बढ़ने की संभावना है. इससे भारतीय स्टील कंपनियों को फायदा हो सकता है, क्योंकि वे यूरोप को स्टील सप्लाई कर सकते हैं. इसके अलावा, चीन-प्लस-वन रणनीति के तहत कंपनियां अपनी आपूर्ति चेन को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हैं, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए नए मौके पैदा हो सकते हैं.
सीमेंट
सीमेंट इंडस्ट्री भी युद्ध के खत्म होने से फायदा उठा सकती है. यूरोप में निर्माण गतिविधियां बढ़ने से सीमेंट की खपत बढ़ सकती है. इसके अलावा, चीन-प्लस-वन रणनीति के चलते अन्य देशों में भी सीमेंट की मांग बढ़ सकती है, जिससे भारतीय कंपनियों को नए बाजारों में अवसर मिल सकते हैं.
कोर इंजीनियरिंग
कोर इंजीनियरिंग सेक्टर निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ा हुआ है. अगर युद्ध खत्म होता है तो इस सेक्टर को भी काफी फायदा हो सकता है. यूरोपीय देशों में निर्माण गतिविधियां फिर से शुरू होने से इंजीनियरिंग के सामान की मांग बढ़ सकती है. भारतीय कंपनियों को यूरोप में नए अवसर मिल सकते हैं.
टेक्सटाइल्स
टेक्सटाइल्स सेक्टर भी युद्ध के खत्म होने से फायदे में आ सकता है. युद्ध के चलते यूरोप में उत्पादन प्रभावित हुआ था, लेकिन अब वहां की मांग बढ़ने से भारतीय टेक्सटाइल कंपनियों को निर्यात में बढ़ोतरी हो सकती है. इसके अलावा, चीन-प्लस-वन रणनीति के तहत कंपनियां अपनी आपूर्ति चेन को दूसरे देशों में शिफ्ट करने पर विचार कर रही हैं, जो भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद हो सकता है.


