TikTok बैन से पहले US-China डील! ट्रंप ने दिया ‘खास’ संकेत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि चीन के साथ एक 'विशेष' कंपनी पर भी समझौता हुआ, जिसे हमारे देश के युवा बचाना चाहते थे.

US-China deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को संकेत दिया कि चीन के साथ टिक-टॉक (TikTok) को लेकर एक अहम समझौता हो गया है. ये ऐलान उस समय हुआ जब प्रशासन द्वारा तय की गई 17 सितंबर की समय सीमा करीब आ चुकी थी. ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय इस ऐप को बचाने के लिए एक समझौता हो चुका है.

हालांकि, उन्होंने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया, लेकिन Truth Social पर लिखते हुए कहा कि एक ‘विशेष’ कंपनी पर भी समझौता हुआ, जिसे हमारे देश के युवा बचाना चाहते थे. इसके साथ ही, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत करेंगे.

यूरोप में व्यापार वार्ता और टिक-टॉक पर चर्चा

ट्रंप ने लिखा- यूरोप में संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच बड़ी व्यापार बैठक बहुत अच्छी रही! यह जल्द ही समाप्त हो जाएगी. यह बैठक स्पेन की राजधानी मैड्रिड में हो रही है, जहां दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते पर बातचीत हो रही है. हालांकि, चीन की ओर से इस संबंध में किसी भी समझौते की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. इस बैठक के एजेंडे में खासतौर पर टिक-टॉक का भविष्य शामिल था. अमेरिका टिक-टॉक का सबसे बड़ा बाजार है, जबकि इसकी सिस्टर ऐप चीन में हावी है.

अमेरिका की टिक-टॉक से क्या मांगें थीं?

अमेरिका चाहता था कि टिक-टॉक की मालिक कंपनी बाइटडांस (ByteDance) अपने हिस्सेदारी का बड़ा हिस्सा अमेरिकी कंपनियों को बेच दे. अगर ऐसा नहीं होता तो अमेरिकी प्रशासन ने इस ऐप पर बैन लगाने की चेतावनी दी थी. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीयर ने कहा था कि चीन व्यापार और तकनीक में रियायतें चाहता है और बदले में टिक-टॉक का डाइवेस्टमेंट करने पर विचार कर रहा है.

क्यों मुश्किल है अमेरिका के लिए टिक-टॉक बैन करना

ताइवान स्थित थिंक टैंक ब्रूगेल की वरिष्ठ शोधकर्ता एलिसिया गार्सिया-हेररो के मुताबिक, चीन टिक-टॉक से हिस्सेदारी छोड़ने को तैयार नहीं है क्योंकि इससे पश्चिमी देशों में अन्य चीनी कंपनियों की मजबूर बिक्री का रास्ता खुल जाएगा. दूसरी ओर, अमेरिका के लिए भी टिक-टॉक पर बैन लगाना आसान नहीं है. यह प्लेटफॉर्म युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय है और चुनावी दौर में इसका असर वोट बैंक पर पड़ सकता है. 

चीन का आधिकारिक रुख और जवाबी कार्रवाई

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन इस मुद्दे पर बार-बार अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है. उन्होंने कहा कि टिकटॉक के संबंध में चीन ने बार-बार अपनी स्थिति स्पष्ट की है. इसी बीच, चीन के बाजार नियामक ने अमेरिकी चिप कंपनी एनवीडिया (Nvidia) की जांच शुरू कर दी है. चीन का आरोप है कि एनवीडिया ने एंटी-मोनोपॉली कानून का उल्लंघन किया है. 

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15 September 2025, 07:04 PM IST

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