ट्रंप का गोल्डन डोम का सपना रह गया अधूरा, चीन ने दुनिया को दिखाई असली ताकत... तैनात किया आधुनिक मिसाइल सुरक्षा कवच
China Missile Defense System : चीन ने अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए 'बिग डेटा प्लेटफॉर्म' नामक अंतरिक्ष आधारित मिसाइल डिफेंस सिस्टम का सफलतापूर्वक प्रोटोटाइप तैनात कर दिया है. यह प्रणाली एक साथ 1000 मिसाइलों को ट्रैक करने में सक्षम है. जबकि अमेरिका का ‘गोल्डन डोम’ अभी भी केवल एक सपना बना हुआ है. चीन की यह तकनीकी बढ़त वैश्विक शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखती है.

China Missile Defense System : जब दुनिया मिसाइल सुरक्षा की नई कल्पनाएं कर रही थी, तब चीन ने चुपचाप एक ऐसा क्रांतिकारी कदम उठा लिया जिसकी अमेरिका ने दशकों से सिर्फ परिकल्पना की थी. चीन ने एक ऐसी वास्तविक वैश्विक मिसाइल रक्षा प्रणाली का प्रोटोटाइप तैयार किया है जो न केवल अत्याधुनिक है, बल्कि ऑपरेशनल भी हो चुका है.
अमेरिका का ‘गोल्डन डोम’ अब भी सपना
चीन ने वैश्विक मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात कर दी
वहीं दूसरी ओर चीन ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के तहत ‘बिग डेटा प्लेटफॉर्म’ के नाम से एक कार्यशील वैश्विक मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात कर दी है. यह अंतरिक्ष, जल, थल और वायु चारों क्षेत्रों में फैले सेंसरों की मदद से खतरे को रियल टाइम में पहचानती है और उसका मुकाबला करती है.
कैसे काम करता है चीन का नया मिसाइल डिफेंस नेटवर्क?
नानजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक ली जुदोंग और उनकी टीम द्वारा विकसित यह प्रणाली आधुनिक डेटा प्रोसेसिंग के सहारे काम करती है. इसमें एक साथ 1000 से ज्यादा मिसाइलों को ट्रैक करने की क्षमता है, भले ही वे दुनिया के किसी भी कोने से लॉन्च की गई हों.
यह तकनीक केवल उपग्रह या रडार पर निर्भर नहीं है. यह मल्टी-सोर्स डेटा इंटीग्रेशन का उपयोग करती है अर्थात विभिन्न स्रोतों से आने वाले डेटा को एक साथ मिलाकर खतरे की सटीक पहचान और प्रतिक्रिया की योजना बनाती है. यह प्रणाली हर मिसाइल के प्रक्षेप पथ, संभावित वारहेड और छलावे (decoys) को भी पहचानती है और उन्हें प्राथमिकता के अनुसार ट्रैक करती है.
अमेरिका क्यों पीछे रह गया?
अमेरिका का ‘गोल्डन डोम’ अब तक केवल एक रणनीतिक अवधारणा है, जिसका बजट कई खरब पाउंड तक बताया गया है. पेंटागन के भीतर बजट, प्राथमिकता और डेटा साझेदारी को लेकर गहरे मतभेद हैं. अमेरिकी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलिन तक ने जुलाई में यह स्वीकार किया कि उन्हें भी ‘गोल्डन डोम’ की स्पष्ट जानकारी नहीं है.
यह स्पष्ट करता है कि अमेरिका जहां अभी योजनाएं बना रहा है, चीन ने बिना किसी बड़े ऐलान के जमीन पर काम पूरा कर लिया है. बीजिंग का यह कदम वैश्विक शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव ला सकता है.
क्या अब चीन बना नई मिसाइल डिफेंस सुपरपावर?
इस अभूतपूर्व विकास ने वैश्विक सामरिक संतुलन को हिला कर रख दिया है. चीन ने सिर्फ तकनीकी बढ़त नहीं ली, बल्कि उसने यह भी जता दिया कि अब वह सिर्फ एक सैन्य ताकत नहीं, बल्कि रणनीतिक नवाचार में भी अग्रणी है. अमेरिका की योजनाएं जहां अब भी स्लाइड प्रेजेंटेशन में अटकी हैं, चीन की प्रणाली पूरी तरह तैयार और तैनात है. अब दुनिया को तय करना है सुपरपावर कौन है?


