score Card

रूसी तेल नहीं, ट्रंप की व्यक्तिगत नाराजगी बनी भारत पर 50 % टैरिफ लगाने की वजह... US की कंपनी ने किया बड़ा खुलासा

अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाए, जिसका मुख्य कारण भारत का पाकिस्तान विवाद में राष्ट्रपति ट्रम्प को मध्यस्थता से मना करना था. ट्रम्प की व्यक्तिगत नाराजगी के चलते यह कदम उठाया गया, जिससे उनके नोबेल शांति पुरस्कार के अवसर प्रभावित हुए. भारत ने कश्मीर विवाद में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इंकार किया और आर्थिक दंड सहते हुए अपनी नीति पर कायम रहा. यह भारत-अमेरिका संबंधों में राजनीतिक तनाव दर्शाता है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Trump Tariff on India : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाकर व्यापारिक रिश्तों में एक बड़ा झटका दिया. लेकिन इसके पीछे सिर्फ व्यापार से जुड़ा कारण नहीं, बल्कि एक खास राजनीतिक वजह भी हो सकती है. अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी जेफरीज की रिपोर्ट में बताया गया है कि यह टैरिफ एक व्यक्तिगत नाराजगी का नतीजा था.

ट्रंप की नाराजगी का असली कारण

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान के साथ चल रहे विवाद में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता करने की पेशकश को मना कर दिया था. ट्रंप चाहते थे कि वे इस विवाद को सुलझाकर नोबेल शांति पुरस्कार जीतें. लेकिन भारत की स्पष्ट नीति के कारण ट्रंप का यह सपना अधूरा रह गया. इसके चलते ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से भारत के खिलाफ कड़ा कदम उठाया और 50% तक के भारी टैरिफ लगाए.

कश्मीर विवाद में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं
भारत ने हमेशा यह कहा है कि कश्मीर विवाद में पाकिस्तान के साथ किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा. भारत की यह स्थिति बहुत स्पष्ट और सख्त रही है. इसलिए, जब ट्रंप ने मध्यस्थता की भूमिका निभाने की कोशिश की, तो भारत ने इसे ठुकरा दिया. भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों और संप्रभुता को प्राथमिकता दी.

ट्रंप के दावों और वास्तविकता का फर्क
ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को रोक दिया, लेकिन सच्चाई यह थी कि भारत ने पाकिस्तान के साथ सीधे वार्ता के जरिए ही युद्ध विराम सुनिश्चित किया था. ट्रंप का यह दावा केवल उनकी भूमिका को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने की कोशिश थी.

राजनीति का व्यापार पर प्रभाव
यह पूरा मामला दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति में व्यक्तिगत और राजनयिक संबंधों का भी बड़ा प्रभाव हो सकता है. केवल आर्थिक कारणों से ही नहीं, बल्कि राजनीतिक नाराजगी के कारण भी देश व्यापारिक कदम उठा सकते हैं. अमेरिका-भारत संबंधों की जटिलता इसी से साफ समझी जा सकती है.

भारत की मजबूती और भविष्य की चुनौतियां
भारत ने अपनी "लाल रेखा" पर डटे रहकर इस राजनीतिक और आर्थिक दबाव का सामना किया. भारी टैरिफ के बावजूद भारत ने अपने मूल सिद्धांतों को नहीं छोड़ा. यह घटना भविष्य में भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतियों पर असर डाल सकती है. इसलिए, दोनों देशों को अपने रिश्तों को संतुलित और स्थिर बनाए रखने के लिए बेहतर संवाद की जरूरत होगी.

अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ केवल व्यापार के कारण नहीं थे, बल्कि राजनीतिक और व्यक्तिगत नाराजगी से भी प्रेरित थे. यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय राजनीति में व्यापार नीतियों के प्रभाव को समझने में मदद करती है और भारत की कूटनीतिक मजबूती को भी दर्शाती है. आने वाले समय में ऐसे मुद्दों को संभालना दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण होगा.

calender
29 August 2025, 02:45 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag