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यूक्रेन में नहीं दिखेंगे अमेरिकी बूट्स... ट्रंप ने किया साफ, शांति समझौते के तहत अमेरिका नहीं भेजेगा अपने सैनिक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध पर बड़ा बयान देते हुए साफ कहा है कि अमेरिका अपने सैनिकों को यूक्रेन नहीं भेजेगा. हालांकि जरूरत पड़ने पर वॉशिंगटन एयर सपोर्ट दे सकता है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन और रूस के बीच संभावित शांति समझौते के तहत अमेरिका अपने सैनिकों को यूक्रेन नहीं भेजेगा. हालांकि, उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि जरूरत पड़ने पर अमेरिका एयर सपोर्ट प्रदान कर सकता है. फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, "आपके पास मेरी गारंटी है, और मैं राष्ट्रपति हूं." यह बयान उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से मुलाकात के कुछ घंटे बाद दिया.

ट्रंप ने यह भी कहा कि यूरोपीय सहयोगी देश यूक्रेन में सुरक्षा गारंटी के तहत सैनिक भेजने को तैयार हैं और अमेरिका उनकी मदद करेगा, लेकिन अमेरिकी सैनिकों के जूते यूक्रेन की जमीन पर नहीं होंगे. ट्रंप ने दोहराया कि किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था बनेगी, लेकिन यह नाटो के तहत नहीं होगी.

क्या हैं यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी?

सोमवार को हुई बैठक के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी पर चर्चा हुई. यह गारंटी यूरोपीय देशों द्वारा अमेरिका के सहयोग से दी जाएगी. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "सभी लोग रूस और यूक्रेन के लिए शांति की संभावना से बहुत खुश हैं. बैठकों के अंत में, मैंने राष्ट्रपति पुतिन को फोन किया और एक स्थान पर होने वाली बैठक की व्यवस्था शुरू की, जिसमें राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की शामिल होंगे. उसके बाद एक त्रिपक्षीय बैठक होगी, जिसमें दोनों राष्ट्रपति और मैं शामिल रहूंगा. यह चार साल से चल रहे युद्ध के लिए एक बहुत अच्छी शुरुआती पहल है."

10 दिनों में हो सकता है शांति समझौता

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि शांति वार्ता सुरक्षा गारंटी के साथ अगले 10 दिनों में पूरी हो सकती है. व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात के बाद ज़ेलेंस्की ने संवाददाताओं से कहा, "सुरक्षा गारंटी शायद हमारे साझेदारों द्वारा ‘अनपैक’ की जाएंगी और और भी विवरण सामने आएंगे. आने वाले 7 से 10 दिनों में यह सब कागज पर औपचारिक रूप से लिखा जाएगा."

यूरोपीय नेताओं के सामने क्यों नहीं किया पुतिन को कॉल?

ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को बताया कि उन्होंने यूरोपीय नेताओं के सामने पुतिन को कॉल नहीं किया, क्योंकि यह उनके लिए असम्मानजनक होता. ट्रंप ने कहा, "मैंने उनके सामने ऐसा नहीं किया, मुझे लगा यह राष्ट्रपति पुतिन के लिए असम्मानजनक होगा. मैं ऐसा नहीं करता क्योंकि उनके और यूरोपीय नेताओं के बीच हमेशा गर्मजोशी नहीं रही है." उन्होंने आगे कहा, "असल में, राष्ट्रपति पुतिन यूरोप के लोगों से बात ही नहीं करते, यही तो समस्या का हिस्सा था."

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20 August 2025, 12:54 PM IST

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