बगराम पर ट्रंप का अल्टीमेटम, अफगानिस्तान से वापस क्यों चाहिए ये एयरबेस? जानें क्यों है खास
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस वापस सौंपने की मांग तेज कर दी है. ट्रंप ने तालिबान सरकार को चेतावनी दी कि अगर अमेरिका को यह बेस जल्द नहीं मिला, तो बुरी चीजें होने वाली हैं.

Trump Bagram Airbase demand: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस वापस सौंपने की मांग दोहराई है. रविवार को दिए गए बयान में ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि अमेरिका इस एयरबेस को फिर से अपने नियंत्रण में लेने पर बातचीत कर रहा है. उन्होंने तालिबान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा "हम अभी अफगानिस्तान से बात कर रहे हैं और हमें यह बेस वापस चाहिए, और बहुत जल्द चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो आप देखेंगे मैं क्या करने वाला हूं."
इससे कुछ घंटे पहले ही ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था "अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को उसे बनाने वालों, यानी अमेरिका, को वापस नहीं देता तो बुरी चीजें होने वाली हैं!!!" उनके इस बयान से साफ है कि बगराम को लेकर ट्रंप बेहद गंभीर हैं और इसे अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकताओं में अहम मानते हैं.
ट्रंप को क्यों चाहिए बगराम एयरबेस?
2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद बगराम एयरबेस तालिबान के नियंत्रण में चला गया. जुलाई 2021 में इस बेस से अमेरिका की औपचारिक विदाई को 20 साल की सैन्य मौजूदगी के अंत का प्रतीक माना गया था.
ट्रंप कई बार इस फैसले की आलोचना कर चुके हैं और बाइडेन सरकार द्वारा सैनिकों की वापसी को “पूरी तरह से आपदा” करार दिया. उन्होंने कहा "हमने उन्हें यह यूं ही दे दिया… हमें वह बेस वापस चाहिए."
चीन का फैक्टर
बगराम एयरबेस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से लगभग एक घंटे की दूरी पर स्थित है. यह बेस 2001 से तालिबान और अलकायदा के खिलाफ अमेरिकी युद्ध का प्रमुख केंद्र रहा. 2012 में यहां से 1 लाख से ज्यादा अमेरिकी सैनिक गुजरे थे.
ट्रंप ने हाल ही में इस एयरबेस की अहमियत बताते हुए कहा यह चीन के न्यूक्लियर हथियार बनाने वाली जगह से बस एक घंटे की दूरी पर है. उन्होंने इसे अमेरिका के लिए चीन पर निगरानी और दबाव का एक बड़ा जरिया बताया. हालांकि, चीन ने प्रतिक्रिया में कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य वहां की जनता खुद तय करेगी.
रणनीतिक और सैन्य महत्व
बगराम दुनिया के सबसे ताकतवर बेस में से एक है, जहां की रनवे की ताकत और लंबाई इतनी है कि कोई भी विमान वहां उतर सकता है. इस एयरबेस के जरिए अमेरिका को क्षेत्रीय आतंकवाद पर अंकुश लगाने और निगरानी अभियानों को अंजाम देने में बड़ी मदद मिल सकती है.
बगराम एयरबेस की खासियत
अमेरिका द्वारा निर्मित बगराम एयरबेस की रनवे कई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों से भी लंबी है. इसमें मजबूत शेल्टर, अस्पताल, फ्यूल डिपो और सैनिकों के लिए फास्ट-फूड रेस्टोरेंट जैसे बर्गर किंग और पिज्जा हट भी मौजूद थे. यहां इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर अफगानी कालीन तक की दुकानें थीं.
इसके अलावा, बगराम में एक विशाल जेल परिसर भी था. इसकी रणनीतिक स्थिति ईरान, पाकिस्तान, चीन के शिनजियांग प्रांत और मध्य एशिया के बीच इसे बेहद खास बनाती है. यह न केवल अमेरिकी प्रभाव को बहाल करने में मददगार हो सकता है, बल्कि रूस की गतिविधियों से लेकर चीन की परियोजनाओं तक की निगरानी के लिए भी अहम है.


