यूक्रेन के ड्रोन हमले से रूस के वोरोनिज शहर में बिजली और हीटिंग व्यवस्था ठप
दक्षिण-पश्चिमी रूस के वोरोनिज में यूक्रेन द्वारा किए गए ड्रोन हमले के कारण शहर की बिजली और हीटिंग आपूर्ति अस्थायी रूप से बाधित हो गई.

रविवार को दक्षिण-पश्चिमी रूस के वोरोनिज शहर में यूक्रेन द्वारा किए गए ड्रोन हमले के कारण शहर की बिजली और हीटिंग आपूर्ति अस्थायी रूप से बाधित हो गई. क्षेत्रीय गवर्नर अलेक्जेंडर गूसेव ने बताया कि रातभर चले इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इससे शहर की कई सुविधाओं को नुकसान पहुंचा.
इलाकों में रोकनी पड़ी बिजली की आपूर्ति
गूसेव ने टेलीग्राम पर जानकारी दी कि हमला वोरोनिज शहर पर हुआ, जो इसी नाम के क्षेत्र का प्रशासनिक केंद्र है. उनके अनुसार, रूसी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली ने कई ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया, लेकिन एक यूटिलिटी प्लांट में आग लग गई. दमकलकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पा लिया. सुरक्षा कारणों से कुछ घरों में सेंट्रल हीटिंग का तापमान अस्थायी रूप से घटा दिया गया और कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति रोकनी पड़ी. हालांकि, कुछ घंटों बाद स्थिति सामान्य हो गई.
रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपने नियमित बयान में वोरोनिज क्षेत्र के ऊपर किसी ड्रोन के गिराए जाने का उल्लेख नहीं किया, लेकिन बताया कि रातभर में कुल 44 यूक्रेनी ड्रोन रूसी सेना ने नष्ट या इंटरसेप्ट किए. इनमें से 43 ब्रायंस्क सीमा क्षेत्र में और एक ड्रोन रोस्तोव क्षेत्र में गिराया गया. यूक्रेन की ओर से इस हमले पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई.
यूक्रेनी अधिकारियों ने क्या कहा?
हाल के सप्ताहों में यूक्रेन ने रूस के भीतर ड्रोन और मिसाइल हमलों की आवृत्ति बढ़ा दी है. इन हमलों का लक्ष्य मुख्य रूप से तेल रिफाइनरी, ईंधन डिपो और रसद केंद्र होते हैं. यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि ये सभी ठिकाने रूस की युद्ध मशीन को ऊर्जा और संसाधन मुहैया कराते हैं, इसलिए इन्हें निशाना बनाना आवश्यक है. दूसरी ओर, मॉस्को इन हमलों को “आतंकी कार्रवाइयां” बताता है.
यूक्रेन का तर्क है कि उसके ये हमले आत्मरक्षा का हिस्सा हैं, क्योंकि फरवरी 2022 में रूस ने ही यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की शुरुआत की थी. इसके बाद से दोनों देशों के बीच संघर्ष लगातार तेज होता गया है. रूस की सीमाओं के भीतर ऐसे ड्रोन हमले इस बात के संकेत हैं कि यूक्रेन अब अपनी सैन्य रणनीति को रूस के अंदर तक ले जा रहा है, ताकि उसके बुनियादी ढांचे और आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव डाला जा सके.


