ट्रंप टैरिफ नियम से अमेरिकी डाक सेवा प्रभावित, भारत समेत इन देशों ने पोस्टल सर्विस रोकीं
अमेरिका में नए आयात नियम लागू होने के कारण कई देशों ने डाक सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं. $800 से कम के पार्सल पर टैक्स छूट खत्म हो गई है, जिससे शिपमेंट महंगी और जटिल हो गई है. डाक एजेंसियों को दिशा-निर्देशों की कमी के कारण सेवाएं रोकनी पड़ी हैं.

US import rules: दुनिया भर के कई देशों ने अमेरिका को भेजी जाने वाली डाक सेवाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया है. यह कदम अमेरिका द्वारा लागू किए गए नए आयात नियमों के चलते उठाया गया है, जिनके तहत अब $800 या उससे कम कीमत वाले सामान पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म किया जा रहा है. यह बदलाव राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी एक आदेश के तहत आया है, जिसका उद्देश्य अवैध मादक पदार्थों की शिपमेंट को रोकना है. हालांकि बाइडेन सरकार ने इस पर सीधे कोई नया आदेश जारी नहीं किया है, फिर भी ट्रंप के आदेश का क्रियान्वयन अब हो रहा है.
अस्पष्ट नियमों के कारण डाक सेवाएं हुईं बाधित
पोस्टयूरोप और अन्य कई देशों की डाक एजेंसियों ने शिकायत की है कि अमेरिका की सीमा शुल्क एजेंसी (CBP) ने नए नियमों को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए. इससे डाक सेवाओं को यह तय करने में कठिनाई हो रही है कि वे कैसे और किन शर्तों पर पार्सल भेजें. केवल 15 अगस्त को कुछ तकनीकी जानकारियां साझा की गईं, जिससे उन्हें समायोजन के लिए बहुत कम समय मिला, केवल दो सप्ताह.
किन देशों ने सेवाएं निलंबित कीं?
जैसे-जैसे 29 अगस्त की डेडलाइन करीब आ रही है, कई देशों ने अमेरिका को डाक भेजना बंद कर दिया है या कुछ सीमाओं के साथ सेवाएं जारी रखी हैं.
जर्मनी: डच पोस्ट और डीएचएल पार्सल ने सभी व्यवसायिक ग्राहकों के पार्सल को रोका है. हालांकि डीएचएल एक्सप्रेस सेवाएं चल रही हैं.
फ्रांस: ला पोस्ट ने पूर्ण निलंबन की चेतावनी दी है यदि समाधान नहीं निकला.
ब्रिटेन: रॉयल मेल ने अस्थायी विराम के बाद नई प्रणाली लागू करने की बात कही है.
बेल्जियम: बीपोस्ट ने केवल पत्र और $100 से कम कीमत की वस्तुएं भेजने की अनुमति दी है.
स्पेन: कोरियोस अब $800 से कम कीमत के पार्सल स्वीकार नहीं करेगा.
भारत: भारतीय डाक ने भी सोमवार से माल की डाक सेवा को निलंबित किया है, लेकिन $100 से कम के पत्र और उपहार अब भी भेजे जा सकते हैं.
पोस्टयूरोप: यह संगठन, जो 53 यूरोपीय डाक सेवाओं का प्रतिनिधित्व करता है, कहता है कि उसके कई सदस्य मार्गदर्शन की कमी के चलते सेवाएं रोक रहे हैं.
ग्राहकों पर क्या होगा असर?
इस नियम का सबसे बड़ा प्रभाव अमेरिका के ग्राहकों और अंतरराष्ट्रीय विक्रेताओं पर पड़ रहा है. पहले $800 तक के पार्सल बिना टैक्स के आ सकते थे, लेकिन अब-
1. 15% से कम टैरिफ वाले देशों से आए सामान पर $80 अतिरिक्त शुल्क लगेगा.
2. 16–25% टैरिफ वाले देशों से आए पार्सल पर $160 शुल्क देना होगा.
3. 25% से ऊपर टैरिफ वाले देशों के लिए यह शुल्क $200 तक पहुंच सकता है.
इसके अलावाअब शिपमेंट से पहले ही टैक्स का भुगतान करना होगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लागत और जटिलता दोनों बढ़ जाएंगी. $100 से कम के दस्तावेज और उपहार छूट के अंतर्गत तो रहेंगे, लेकिन उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़ी जांच की जाएगी.


