नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच बलूचिस्तान में भी मचा बवाल, आखिर क्यों उबल रहा है जनता का गुस्सा?
आज पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बड़े बंद का आयोजन हो रहा है, जिसने पूरे क्षेत्र को थाम सा लिया है. कई राजनीतिक दलों ने मिलकर इस शटडाउन का ऐलान किया और इसका असर साफ नजर आ रहा है. बड़े शहरों की सड़कें वीरान हैं. बाजारों में सन्नाटा पसरा है और हर तरफ एक अनोखी शांति छाई हुई है.

Balochistan Shutdown: भारत के दो पड़ोसी देशों, नेपाल और पाकिस्तान इस समय गंभीर राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से जूझ रहे हैं. जहां नेपाल में जेन Z की बगावत ने राजधानी को जला कर रख दिया है वहीं पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सत्ताधारी सत्ता के खिलाफ जनाक्रोश चरम पर है. सोमवार से जारी हिंसा और गिरफ्तारी की घटनाओं के बाद अब बलूचिस्तान में ऐतिहासिक बंद देखा जा रहा है. जिससे पूरे पाकिस्तान की सियासत में हलचल मची हुई है. नेपाल में संसद, सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के घर तक को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया है, जबकि पाकिस्तान में बलूच जनता सरकारी दमन के खिलाफ सड़कों पर है. बलूचिस्तान में नेताओं की गिरफ्तारी और पुलिस रेड ने स्थिति को और भड़का दिया है.
नेपाल में 'जेन Z' आंदोलन ने ली हिंसक मोड़
नेपाल में सोमवार से शुरू हुआ जेनरेशन Z का विद्रोह अब तक कई जानें ले चुका है. संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के निजी आवासों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया. हिंसा इतनी भयावह थी कि पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी घर में आग लगने से जिंदा जल गईं वहीं वित्त मंत्री को सड़कों पर दौड़ाकर पीटा गया.
बलूचिस्तान में ऐतिहासिक बंद
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आज का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार झोब से ग्वादर तक हाईवे और प्रमुख शहर पूरी तरह बंद पड़े हैं. बाजार सुनसान हैं और सार्वजनिक जीवन थम चुका है.
यह बंद उस वक्त शुरू हुआ जब सुरक्षा बलों ने व्यापक छापेमारी कर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को गिरफ्तार किया. इससे लोगों में आक्रोश फैल गया और शटडाउन का ऐलान किया गया.
लोगों की गिरफ्तारी और कई बड़े नेता हिरासत में
बलूचिस्तान प्रशासन की कार्रवाई में अब तक 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. जिन इलाकों से गिरफ्तारियां हुई हैं, उनमें सारियाब, एयरपोर्ट रोड, बाईपास, क्वेटा, सुराब, मास्तुंग, लोरालाई, दुकी, जियारत, कलात और चमन शामिल हैं.
गिरफ्तार किए गए नेताओं में बलूचिस्तान नेशनल पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ, अवामी नेशनल पार्टी, नेशनल पार्टी और जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख नेता शामिल हैं. मास्तुंग से BNP और नेशनल पार्टी के 14 कार्यकर्ता पकड़े गए हैं, जबकि दुकी में PTI के जिला महासचिव समेत 15 लोग अरेस्ट हुए हैं.
अवामी नेशनल पार्टी का आरोप
अवामी नेशनल पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सैकड़ों लोगों को अरेस्ट किया गया है. जिनमें कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं. यह बलूचिस्तान के इतिहास का सबसे सफल शटडाउन है. वहीं बलोच यकजेती कमेटी ने कहा कि सरकार का यह ऐक्शन लोकतंत्र और मानवाधिकार पर हमला है. लोग आतंकवाद से बचने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन अब खुद सरकार ही अत्याचार कर रही है.
दोहरी मार झेल रहे बलूच नागरिक
बलूचिस्तान के लोग एक तरफ आतंकवाद का खतरा झेलते हैं दूसरी ओर सरकारी दमन ने उन्हें असहाय बना दिया है. बंद के जरिए आम जनता ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि अब वे चुप नहीं बैठेंगे. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान सरकार बलूच जनता की आवाज सुनेगी या फिर दमन की नीति को ही आगे बढ़ाएगी?


