क्या पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा शामिल था?...UNSC का पाकिस्तान से सीधा सवाल
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पाकिस्तान से इस हमले को लेकर कड़े सवाल पूछे, खासकर यह जानने की कोशिश की कि क्या लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन का इसमें हाथ था.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस हमले को लेकर पाकिस्तान से तीखे सवाल पूछे हैं. खासकर यह सवाल कि क्या इस हमले में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका रही है?
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बंद कमरे में हुई इस अहम बैठक में सभी 15 सदस्य देशों ने पाकिस्तान से पूछताछ की. वहीं पाकिस्तान की उस थ्योरी को भी सिरे से खारिज कर दिया गया, जिसमें उसने दावा किया था कि हमला भारत ने खुद कराया.
क्या लश्कर शामिल था पहलगाम हमले में?
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद UNSC में 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य देशों की बैठक हुई. इस दौरान पाकिस्तान से सीधे पूछा गया कि क्या इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन का हाथ था? परिषद के कई सदस्यों ने पाकिस्तान से इस पर "स्पष्टीकरण" मांगा और सबूत पेश करने की बात कही.
भारत पर लगाया आरोप, UNSC ने किया खारिज
बैठक के दौरान पाकिस्तान ने एक बार फिर यह दावा किया कि इस आतंकी हमले के पीछे खुद भारत का हाथ हो सकता है, लेकिन UNSC के सदस्यों ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया. उन्होंने पाकिस्तान के इस बयान को "गंभीरता से अविश्वसनीय" बताया और कहा कि इस तरह के बयान मामले को और उलझा सकते हैं.
बंद कमरे में हुई चर्चा, लेकिन सवाल बेहद सख्त थे
इस मीटिंग की मेज़बानी मई महीने के UNSC अध्यक्ष यूनान ने की थी. चर्चा यूएन के मुख्य कक्ष 'UNSC चैम्बर' में नहीं, बल्कि उसके बगल में स्थित परामर्श कक्ष में हुई. लगभग डेढ़ घंटे चली इस बातचीत में पाकिस्तान की तरफ से यह कहा गया कि "हमारे उद्देश्य काफी हद तक पूरे हुए", लेकिन बैठक के बाद UNSC ने कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया.
भारत-पाक के बीच तनाव पर UNSC की राय
बैठक में शामिल सभी देशों ने यह भी दोहराया कि भारत और पाकिस्तान को आपसी मुद्दे आपसी बातचीत से सुलझाने चाहिए. किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है. इससे पहले भी यूएन इस बात पर ज़ोर देता रहा है कि कश्मीर या अन्य विवादों का समाधान द्विपक्षीय बातचीत से ही संभव है.
क्या अब पाकिस्तान की बढ़ेगी मुश्किलें?
UNSC की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव और बढ़ने की संभावना है. खासकर तब जब भारत आतंकवाद के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार उठा रहा है. अगर लश्कर या अन्य आतंकी संगठनों की संलिप्तता की पुष्टि होती है, तो पाकिस्तान को बड़ा राजनयिक नुकसान हो सकता है.


