'हमने आतंकवादी पाले... बिलावल भुट्टो ने कबूला 'पाक' का काला सच, ख्वाजा आसिफ के बयान को दी पुष्टि
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया कि उनके देश ने अतीत में आतंकवादियों को पनाह दी और उसका खामियाजा खुद पाकिस्तान को भुगतना पड़ा. उन्होंने कहा कि यह कोई छुपा हुआ राज़ नहीं है बल्कि एक कड़वा सच है, जिससे पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ है.

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच पाकिस्तान की सत्ताधारी राजनीति से ऐसे बयान सामने आ रहे हैं, जो खुद उनके देश की आतंकवाद को लेकर सच्चाई को उजागर कर रहे हैं. पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने तीन दशकों तक आतंकियों को पाला, अब पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी इस काले अतीत को स्वीकार कर लिया है.
बिलावल भुट्टो ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह दी और उसका खामियाजा खुद उन्हें और उनके परिवार को भुगतना पड़ा है. उनका यह बयान उस वक्त आया है जब हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई, जिसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी – यह वही संगठन है जो पाकिस्तान की सरजमीं से संचालित होता है.
“हमने आतंकवादी पाले- बिलावल भुट्टो
पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह कोई राज है कि पाकिस्तान का एक अतीत रहा है. हमने इसकी भारी कीमत चुकाई है. चरमपंथ की लहरों से गुजरते हुए हमने सबक सीखा है और आंतरिक सुधार किए हैं. अब यह सब इतिहास है, और हम इसमें अब शामिल नहीं हैं."
आतंकवाद को लेकर भय
बिलावल ने यह भी कहा कि आतंकवाद ने उनकी मां बेनजीर भुट्टो की जान ली और वे खुद भी उसके शिकार बने. इससे यह साफ होता है कि पाकिस्तान के भीतर भी आतंकवाद को लेकर भय और दर्द की स्थिति है.
ख्वाजा आसिफ ने भी मानी पाकिस्तान की गलती
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा था, "हमने तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए गंदा काम किया. यह एक बड़ी गलती थी, जिसकी सजा हमने भुगती."
उन्होंने खुले तौर पर माना कि पाकिस्तान ने कई सालों तक आतंकवादी संगठनों को पनाह और फंडिंग दी. यह कबूलनामा वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है.
पहलगाम हमले के बाद सामने आया 'पाक'
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे. हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी. यह संगठन पाकिस्तान से संचालित होता है और वर्षों से भारत में आतंक फैलाने के लिए कुख्यात है.
बिलावल और ख्वाजा आसिफ के बयानों के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर अपनी दोहरी नीति अपनाता रहा है – एक तरफ शांति की बात करता है, तो दूसरी ओर आतंकियों को संरक्षण देता है.
भुट्टो की चेतावनी
गुरुवार को मीरपुरखास में एक रैली को संबोधित करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर किसी ने हमारे सिंधु पर हमला किया, तो उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. उन्होंने यह भी दोहराया कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन यदि भारत ने उकसाया तो पाकिस्तान युद्ध के लिए भी तैयार है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत पाकिस्तान को लेकर पहले से ही सख्त कदम उठा चुका है.
पाकिस्तान की दोहरी नीति बेनकाब
इन बयानों ने एक बार फिर पाकिस्तान की कथनी और करनी में फर्क को उजागर कर दिया है. जहां एक ओर वहां के नेता आतंकवाद से जुड़ा अतीत स्वीकार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वे युद्ध की धमकियां भी दे रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या पाकिस्तान वास्तव में आतंकवाद से नाता तोड़ चुका है, या यह सब सिर्फ एक कूटनीतिक दिखावा है?


