score Card

क्या है पाकिस्तान का 'रेको दिक' प्रोजेक्ट, जिसे विश्व बैंक ने दिए 70 करोड़ डॉलर?

विश्व बैंक और IFC से मिला 700 मिलियन डॉलर का ऋण रेको दिक परियोजना के लिए अहम है, क्योंकि इससे निजी क्षेत्र से 2.5 बिलियन डॉलर तक का अतिरिक्त निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है। यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

पाकिस्तान की सबसे बड़ी खनन परियोजना रिको दिक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कामयाबी मिली है. विश्व बैंक और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) ने इस परियोजना को 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 6000 करोड़ रुपये) का रियायती लोन मंजूर किया है. यह प्रोजेक्ट बलूचिस्तान के चगाई जिले में स्थित है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े तांबा और सोने के अविकसित भंडारों में गिना जाता है.

रिको दिक परियोजना को कनाडा की कंपनी बैरिक गोल्ड, पाकिस्तान की संघीय सरकार और बलूचिस्तान प्रांतीय सरकार मिलकर संचालित कर रही हैं. प्रोजेक्ट का पहला उत्पादन चरण 2028 में शुरू होने की उम्मीद है. हालिया अध्ययन में इसके उत्पादन लक्ष्य को बढ़ाया गया है. पहले चरण में 45 मिलियन टन प्रति वर्ष और दूसरे चरण में 90 मिलियन टन प्रति वर्ष खनिज निकालने का लक्ष्य है. हालांकि उत्पादन दर में वृद्धि के कारण अब खान की कुल उम्र 42 साल से घटकर 37 वर्ष रह गई है, लेकिन कंपनी का कहना है कि अभी तक जिन खनिजों का अनुमान नहीं लगाया गया है, वे इस अवधि को 80 वर्षों तक बढ़ा सकते हैं.

2.5 अरब डॉलर का प्राइवेट निवेश आकर्षित करने की उम्मीद

इस लोन की मदद से पाकिस्तान को निजी क्षेत्र से 2.5 अरब डॉलर के अतिरिक्त निवेश की उम्मीद है. ये निवेश रिको दिक परियोजना के आर्थिक आकार को और भी बढ़ा सकता है, जिससे यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए एक "गेम-चेंजर" साबित हो सकती है. अनुमान है कि यह परियोजना 70 बिलियन डॉलर का फ्री कैश फ्लो और 90 बिलियन डॉलर का ऑपरेशनल कैश फ्लो जनरेट कर सकती है.

लागत में वृद्धि और विश्व बैंक की दीर्घकालिक रणनीति

परियोजना की अनुमानित लागत पहले 4 अरब डॉलर थी जो अब बढ़कर 5.6 अरब डॉलर हो गई है. दूसरी ओर, विश्व बैंक ने भी अगले 10 वर्षों तक पाकिस्तान के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में हर साल 2 अरब डॉलर निवेश करने की योजना बनाई है, जिससे भविष्य में और भी परियोजनाओं को बल मिलेगा.

रिको दिक क्यों खास है?

रिको दिक में अनुमानित तौर पर 15 मिलियन टन तांबा और 26 मिलियन औंस सोने का भंडार है. इस परियोजना के पहले चरण में हर साल 2.4 लाख टन तांबा और 3 लाख औंस सोने का उत्पादन होगा. दूसरे चरण में यह उत्पादन और बढ़ेगा. यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान के खनन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है और देश की विदेशी मुद्रा आय, रोज़गार सृजन, और क्षेत्रीय विकास को भी बड़ा बल दे सकता है.

calender
13 June 2025, 03:14 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag