न्यूयॉर्क में जोहरान ममदानी की जीत पर क्या बोल रहा अमेरिकी मीडिया?
न्यूयॉर्क के महापौर पद पर भारतीय मूल के जोहरान ममदानी की ऐतिहासिक जीत ने अमेरिका की राजनीति और मीडिया में एक नई बहस छेड़ दी है. जोहरान ममदानी की यह जीत डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट्स के उभार का प्रतीक भी बताई जा रही है.

न्यूयॉर्क के महापौर पद पर भारतीय मूल के जोहरान ममदानी की ऐतिहासिक जीत ने अमेरिका की राजनीति और मीडिया में नई बहस छेड़ दी है. 34 वर्षीय डेमोक्रेट नेता ने ट्रंप समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन कर्टिस स्लीवा को पराजित कर शहर की बागडोर अपने हाथों में ले ली.
जोहरान ममदानी की जीत, डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट्स के उभार का प्रतीक
जोहरान ममदानी की यह जीत न सिर्फ अमेरिकी राजनीति के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, बल्कि इसे डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट्स के उभार का प्रतीक भी बताया जा रहा है. ममदानी की जीत के साथ डेमोक्रेटिक पार्टी की सहयोगी नेताओं को भी सफलता मिली. मिकी शेरिल न्यू जर्सी की गवर्नर बनीं, अबीगैल स्पैनबर्गर वर्जीनिया की गवर्नर चुनी गईं, जबकि भारत में जन्मीं गजाला हाशमी को डिप्टी गवर्नर पद मिला.
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ममदानी की जीत पर कहा कि यह जीत दिखाती है कि जब मजबूत और दूरदर्शी नेता जनता के साथ खड़े होते हैं, तो बदलाव संभव है. आगे अभी बहुत काम बाकी है, लेकिन भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है. हालांकि, इस जीत ने डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर वैचारिक मतभेदों को भी सामने ला दिया है. एक वर्ग इसे पार्टी का नया चेहरा मान रहा है, जबकि दूसरा इसे ‘डेमोक्रेटिक सोशलिज्म की लहर’ कह रहा है.
‘द गार्जियन’ ने चुनाव से पहले अपने लेख में लिखा था कि ममदानी और कुओमो डेमोक्रेटिक पार्टी के दो अलग धड़ों का प्रतिनिधित्व करते हैं. एक यथास्थिति का समर्थक है, जबकि दूसरा परिवर्तन और प्रगतिशील नीतियों का. अखबार ने लिखा कि न्यूयॉर्क के मतदाताओं ने यह तय कर दिया कि उन्हें भविष्य किस दिशा में ले जाना है.
अमेरिकी मीडिया में जीत को लेकर दो ध्रुव
अमेरिकी मीडिया में इस जीत को लेकर दो ध्रुव स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं. ‘वाशिंगटन पोस्ट’, ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ और ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने ममदानी को “लोकतांत्रिक समाजवादी राजनीति की नई उम्मीद” बताया, जबकि ‘फॉक्स न्यूज़’ और ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने इसे “मार्क्सवाद का पुनरुत्थान” करार दिया. न्यूयॉर्क पोस्ट ने तो अपने लेख में ममदानी की तस्वीर को ‘हंसिया और हथौड़ा’ के प्रतीक के साथ छापा, इसे “समाजवादी प्रयोग” की शुरुआत बताते हुए.


