भारत-अमेरिका ट्रेड डील में कहां फंस रहा पेंच? मेडिकल-टेक्सटाइल सेक्टर पर मंडरा रहा संकट
अमेरिका ने भारत समेत दर्जनभर देशों को चेतावनी दी है कि अगर 9 जुलाई तक व्यापार समझौता नहीं हुआ, तो 1 अगस्त से 70% तक आयात शुल्क लगाया जाएगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक व्यापार जगत में एक बार फिर हलचल मचा दी है. उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि अगर भारत समेत दर्जनभर देशों के साथ 9 जुलाई तक कोई व्यापार समझौता नहीं होता, तो अमेरिका 1 अगस्त से इन देशों के उत्पादों पर 70 प्रतिशत तक का आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने जा रहा है. ये अल्टीमेटम भारत के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है, क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है और दोनों देशों के बीच सालाना 53 अरब डॉलर से ज्यादा का व्यापार होता है.
ट्रंप की चेतावनी का सीधा असर भारत के टेक्सटाइल, फार्मा, आईटी और ऑटो पार्ट्स जैसे बड़े निर्यात क्षेत्रों पर पड़ सकता है. ऐसे में ये संकट भारत की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर परिणाम लेकर आ सकता है, खासकर उस समय जब पहले से ही मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात पर दबाव बना हुआ है.
ट्रंप का बड़ा ऐलान
गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में ट्रंप ने कहा कि मेरा झुकाव एक पत्र भेजने और ये बताने का है कि देश अमेरिका के साथ व्यापार करने के लिए कितना टैरिफ चुकाने जा रहे हैं. हमारे पास 170 से ज्यादा देश हैं. हम हर दिन लगभग 10 देशों को पत्र भेजेंगे. उन्होंने ये भी जोड़ा कि अलग-अलग जटिल व्यापार समझौतों के बजाय, एक सीधा और स्पष्ट टैरिफ मॉडल ज्यादा व्यावहारिक है. उनका लक्ष्य है कि हर देश को ये स्पष्ट रूप से बताया जाए कि उन्हें अमेरिकी बाजार तक पहुंच के लिए कितना टैक्स देना होगा.
भारत के लिए सीधा खतरा
अगर भारत और अमेरिका के बीच 9 जुलाई तक कोई डील नहीं होती है, तो भारत से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले उत्पादों पर औसतन 26 प्रतिशत का टैरिफ लागू किया जा सकता है. इससे भारत के टेक्सटाइल, फार्मास्युटिकल, ऑटो पार्ट्स और आईटी सेक्टर को सबसे ज्यादा झटका लगने की आशंका है.
GM फसलों पर अड़ गया अमेरिका
भारत और अमेरिका के बीच बातचीत का सबसे बड़ा पेंच कृषि क्षेत्र को लेकर है. अमेरिका चाहता है कि भारत अपने बाजार को जीन-संशोधित (GM) मक्का और सोया जैसे उत्पादों के लिए खोले. हालांकि भारत सरकार इसका पुरजोर विरोध कर रही है. भारत का कहना है कि GM फसलों से पारंपरिक खेती, खाद्य सुरक्षा और छोटे किसानों की आजीविका पर खतरा पैदा हो सकता है.
वियतनाम और चीन से कर चुके हैं डील
डोनाल्ड ट्रंप पहले ही वियतनाम और चीन के साथ व्यापार समझौते कर चुके हैं, जिनमें क्रमशः 20% और 40% टैक्स की व्यवस्था की गई है. भारत पर अब जल्द किसी समझौते तक पहुंचने का दबाव है, वरना उसे भी इन ऊंची दरों का सामना करना पड़ सकता है.
भारत के सामने दो ही रास्ते: समझौता या संघर्ष
विशेषज्ञों के अनुसार भारत के पास अब दो ही विकल्प हैं- या तो अमेरिका की कुछ शर्तों को स्वीकार करके व्यापार समझौता करे, या फिर भारी टैरिफ का जोखिम उठाए. अगर 1 अगस्त से टैरिफ लागू होता है, तो इससे भारत की सप्लाई चेन बाधित हो सकती है और वैश्विक स्तर पर उसके निर्यात को बड़ा झटका लग सकता है. सरकार इस पर हर एंगल से मंथन कर रही है, लेकिन फैसला अब बेहद जरूरी हो गया है.