चीन के सहारे न्यूक्लियर ताकत बढ़ा रहा पाकिस्तान, अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट ने खोली पोल!
पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को और खतरनाक बना रहा है — और इसमें उसे पूरा साथ मिल रहा है चीन का. अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट ने इस पर बड़ा खुलासा किया है. सवाल ये है कि ये तैयारी सिर्फ रक्षा के लिए है या इसके पीछे कुछ और सोच है? जानिए पूरी कहानी...

Pakistan: आज जब दुनिया शांति और स्थिरता की ओर बढ़ना चाहती है, वहीं पाकिस्तान की नई गतिविधियां कई देशों को परेशान कर रही हैं. अमेरिका की एक ताज़ा खुफिया रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को तेजी से आधुनिक बना रहा है — और इसमें उसे सबसे बड़ा सहारा मिल रहा है चीन का.
भारत को मानता है सबसे बड़ा खतरा
अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) ने हाल ही में “ग्लोबल थ्रेट असेसमेंट” रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पाकिस्तान अपनी रक्षा नीतियों में भारत को ‘अस्तित्व के लिए खतरा’ मानता है. इसी वजह से वह अपने पारंपरिक और परमाणु हथियारों की ताकत को बढ़ाने में जुटा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की फौज आने वाले वक्त में सीमा पार झड़पों के साथ-साथ अपने न्यूक्लियर सिस्टम को भी और मजबूत करने पर पूरा ध्यान दे रही है.
‘बैटलफील्ड न्यूक्लियर वेपन’ पर ज़ोर
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान छोटे और तेज़ असर वाले परमाणु हथियारों को तैयार कर रहा है, जिन्हें युद्ध के मैदान में तुरंत इस्तेमाल किया जा सके. यानी अब पाकिस्तान केवल बड़ी मिसाइलों तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि ऐसे हथियार बनाना चाहता है जो सीधे जमीनी लड़ाई में काम आएं.
चीन बन रहा है सबसे बड़ा सहारा
सबसे बड़ी बात जो इस रिपोर्ट में सामने आई है, वह ये कि पाकिस्तान अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए चीन पर काफी हद तक निर्भर है. चीन न सिर्फ आर्थिक मदद दे रहा है बल्कि तकनीकी सहायता और आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध करा रहा है. इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान वेस्टर्न देशों से, सीधे या बिचौलियों के ज़रिए, खतरनाक तकनीक और उपकरण हासिल करने की कोशिश करता रहता है.
कंट्रोल सिस्टम और सुरक्षा की भी बात
अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के कमांड और कंट्रोल सिस्टम को भी अपग्रेड कर रहा है, ताकि हथियारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और किसी भी अनहोनी से बचा जा सके.
क्या बढ़ेगा क्षेत्रीय तनाव?
इस रिपोर्ट ने भारत समेत दुनिया के कई देशों की चिंता बढ़ा दी है. भारत पहले ही कह चुका है कि वो ‘नो फर्स्ट यूज़’ यानी पहले परमाणु हमला न करने की नीति पर चलता है, लेकिन पाकिस्तान की ऐसी तैयारी माहौल को बिगाड़ सकती है. पाकिस्तान का ये परमाणु आधुनिकीकरण और चीन पर उसकी निर्भरता एक नया सवाल खड़ा करती है — क्या यह सिर्फ अपनी सुरक्षा के लिए है या फिर एक बड़ी रणनीति का हिस्सा? इस पर आने वाले दिनों में दुनिया की नजर बनी रहेगी.


