पाकिस्तान को झटका, भारत ने चिनाब नदी पर क्वार बांध निर्माण की रफ्तार बढ़ाई
क्वार बांध परियोजना से 540 मेगावाट की जलविद्युत उत्पादन क्षमता जुड़ी है. इसकी कुल लागत 4,526 करोड़ रुपये है, जिसमें से 3,119 करोड़ रुपये का ऋण जुटाने के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय संस्थानों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. यह बांध चिनाब नदी पर किश्तवाड़ में बन रहा है.

भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुराना सिंधु जल संधि विवाद एक बार फिर चर्चा में है. इस बार भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि (IWT) को स्थगित कर दिया है और इसके साथ ही पाकिस्तान को एक और झटका देने की तैयारी शुरू कर दी है. केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर बनने वाली क्वार बांध परियोजना को तेज़ी से आगे बढ़ाने का फैसला लिया है.
यह परियोजना 4,526 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जा रही है, जिसमें से 3,119 करोड़ रुपये का ऋण जुटाने के लिए केंद्र सरकार ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बातचीत शुरू कर दी है. इस जलविद्युत परियोजना की क्षमता 540 मेगावाट है और इसे रन-ऑफ-रिवर तकनीक से विकसित किया जा रहा है. बांध की ऊंचाई लगभग 109 मीटर होगी और पानी को चार बड़े पेनस्टॉक्स के ज़रिए भूमिगत बिजलीघर में मोड़ा जाएगा, जहां फ्रांस में निर्मित टर्बाइन-जनरेटर इकाइयों की मदद से बिजली का उत्पादन किया जाएगा.
सिंधु जल संधि स्थगन के बाद बदले भारत के तेवर
भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह स्पष्ट किया था कि वह सिंधु जल संधि को अब पूर्ववत नहीं मानेगा. भारत ने कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को मिलने वाले पश्चिमी नदियों के जल पर नियंत्रण मजबूत किया जाए. संधि के तहत भारत को सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के जल का पूर्ण अधिकार है, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का अधिकांश पानी मिलता है. इसी हिस्से पर भारत ने अब अपनी कूटनीतिक और रणनीतिक पकड़ मजबूत करनी शुरू की है.
पाकिस्तान की बेचैनी और वैश्विक स्तर पर अपील
भारत के इस रुख से पाकिस्तान बेहद चिंतित है. वह इस मुद्दे को वर्ल्ड बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की योजना बना रहा है क्योंकि सिंधु जल संधि का गारंटर वर्ल्ड बैंक है. लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान की कोई भी कूटनीतिक चाल अब काम नहीं आएगी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कहा कि संधि अपने पुराने स्वरूप में कभी वापस नहीं आएगी.


