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जानिए किस हाथ में और क्यों बांधा जाता है कलावा, जानिए इसे बांधने के नियम

कलावा यानी रक्षासूत्र को सनातन धर्म में काफी पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है। किसी पवित्र संकल्प को लेते समय और जीवन में आने वाली विपदाओं से दूर रहने के लिए रक्षासूत्र यानी कलावा हाथ पर बांधा जाता है। ब्रह्मवैवर्त्त पुराण में कहा गया है कि सबसे पहला कलावा मां लक्ष्मी ने राजा बलि को बांधा था।

कलावा यानी रक्षासूत्र को सनातन धर्म में काफी पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है। किसी पवित्र संकल्प को लेते समय और जीवन में आने वाली विपदाओं से दूर रहने के लिए रक्षासूत्र यानी कलावा हाथ पर बांधा जाता है। ब्रह्मवैवर्त्त पुराण में कहा गया है कि सबसे पहला कलावा मां लक्ष्मी ने राजा बलि को बांधा था।

शास्त्रों में कहा गया है कि कलाई पर रक्षासूत्र बांधने से ईश्वर जीवन में आने वाले संकटों से रक्षा करते हैं। कलावा बांधने से तीन देवों यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश के आशीर्वाद के साथ साथ मां लक्ष्मी और सरस्वती का भी वरदान जीवन में प्राप्त होता है। पद्म पुराण में कहा गया है कि ईश्वर की पूजा के समय कलाई पर कलावा बांधते समय एक मंत्र का उच्चारण किया जाता है - येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।

किस हाथ में बांधना चाहिए कलावा

शास्त्र कहते हैं कि पुरुषों को दाईं कलाई पर कलावा बंधवाना चाहिए। इसके अलावा अविवाहित कन्याएं भी सीधे हाथ में कलावा बंधवाती हैं। वहीं विवाहित महिलाओं को बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए।

कलावा बांधने के कुछ नियम 

1. कलावा बांधते समय इसके मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए।

2. कलावा बांधते समय कलाई आगे की तरफ हो और मुट्ठी बंधी होनी चाहिए और दूसरा हाथ सिर पर होना चाहिए।

3. बंधी मुट्ठी में कुछ रुपए या सिक्का रखना चाहिए जो कलावा बांधने वाले व्यक्ति को दे दें।

4. कलावा कलाई पर तीन बार ही लपेटना चाहिए।

5. कलावे को जमीन पर नहीं फेंकना चाहिए। अगर बदलना है तो किसी पवित्र नदी में बहा दें।

6. कलावा मंगलवार या शनिवार को ही बदलना चाहिए।

7. कलावा कच्चे सूत का ही होना चाहिए, इसमें लाल, पीला और हरा रंग होना चाहिए

कलावा बांधने के शारीरिक फायदे 

देखा जाए तो कलावा ईश्वरीय रक्षा का सूत्र है। इतना ही नहीं इसके कई शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ भी हैं। कलावा बांधने पर शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मन बेवजह भटकता नहीं है और दिमाग को शांति मिलती है। कलाई पर कलावा बांधने शरीर में वात, पित्त और कफ का सही संतुलन बना रहता है। कलावा बांधने से मधुमेह, रक्तचाप और लकवा जैसे रोगों में लाभ मिलता है।

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06 February 2023, 02:30 PM IST

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