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सावन में आप भी खा रहे हैं ये सब्जियां? तो हो जाएं सावधान, बन सकती हैं पेट की दुश्मन!

सावन के मौसम में नमी और कमजोर पाचन के कारण कुछ सब्जियों का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में कुछ सब्जियों को खाने से परहेज करना बेहतर होता है।

सावन का महीना धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है, वहीं स्वास्थ्य के लिहाज से भी ये काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. लगातार बारिश, अत्यधिक नमी और बदलता मौसम हमारे शरीर के पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है. आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में शरीर की पाचन अग्नि मंद पड़ जाती है, जिससे भोजन को पचाना मुश्किल हो जाता है.

ऐसे में अगर हम कुछ विशेष सब्जियों का सेवन करते हैं, तो गैस, अपच, एसिडिटी और इन्फेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यहां हम आपको उन 5 सब्जियों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें सावन के दौरान खाने से परहेज करना चाहिए, ताकि आप स्वस्थ रहें और मौसम का आनंद बिना किसी परेशानी के उठा सकें.

1. बैंगन

सावन में बैंगन का सेवन धार्मिक और स्वास्थ्य दोनों दृष्टियों से वर्जित माना गया है. आयुर्वेद में इसे ‘तामसी सब्जी’ कहा गया है, जो पाचन क्रिया को धीमा कर सकती है. बैंगन में मौजूद कुछ तत्व एलर्जी, त्वचा पर जलन और अपच का कारण बन सकते हैं. खासकर व्रत और पूजा-पाठ के दौरान इसका सेवन निषेध है. बारिश के मौसम में इसे ना खाने की सलाह दी जाती है.

2. फूलगोभी और पत्तागोभी

बरसात के मौसम में फूलगोभी और पत्तागोभी में कीटाणुओं और बैक्टीरिया के पनपने की संभावना ज्यादा होती है. इनकी बनावट ऐसी होती है कि इन्हें पूरी तरह से साफ करना कठिन होता है. अगर इन्हें ठीक से ना धोया जाए, तो पेट संक्रमण, फूड पॉइजनिंग और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा ये सब्जियां गैस और ब्लोटिंग भी बढ़ाती हैं.

3. कटहल

कटहल स्वाद में जितनी लाजवाब है, पाचन के लिए उतनी ही भारी मानी जाती है. इसकी गर्म तासीर सावन की उमस में शरीर के तापमान को असंतुलित कर सकती है. इसके सेवन से पेट में भारीपन, गैस और एसिडिटी हो सकती है. जिन लोगों को कब्ज या लिवर संबंधी परेशानियां हैं, उन्हें तो खासतौर पर इससे दूर रहना चाहिए.

4. भिंडी

भिंडी या ओकरा सामान्यतः हेल्दी मानी जाती है, लेकिन सावन के मौसम में इसकी चिपचिपी प्रकृति आंतों में रुकावट पैदा कर सकती है. इससे गैस, अपच और सूजन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. अगर आपकी पाचन क्रिया कमजोर है, तो इस मौसम में भिंडी के सेवन से बचें.

5. कच्चा टमाटर

कच्चे या अधपके टमाटर में सोलैनिन नामक रसायन पाया जाता है, जो एसिडिटी और गैस को बढ़ा सकता है. टमाटर की तासीर ठंडी होती है, जो बरसात के मौसम में कफ दोष को और बढ़ा सकती है. इसलिए टमाटर का सेवन हमेशा पका कर और सीमित मात्रा में करें.

स्वस्थ रहने के लिए क्या करें?

मौसमी सब्जियों को अच्छे से धोकर ही पकाएं.

हल्की और सुपाच्य चीजें खाएं, जैसे खिचड़ी, मूंग दाल आदि.

आयुर्वेदिक हर्बल टी या गर्म पानी का सेवन पाचन सुधारने में मदद करता है.

भोजन में अजवाइन, हींग, सौंठ जैसी चीजों का प्रयोग करें, जो अग्नि को बढ़ावा देती हैं.

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13 July 2025, 01:05 PM IST

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