क्या वास्तव में प्रेग्नेंसी में मछली खाने से पैदा होते हैं सुंदर बच्चे? जानें इस बात में है कितनी सच्चाई
Fish consumption in Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान आहार का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. मछली के सेवन को लेकर कई दावे किए जाते हैं. कुछ का मानना है कि मछली खाने से बच्चे का मस्तिष्क और शारीरिक विकास बेहतर होता है, जबकि कुछ सवाल उठाते हैं कि क्या इसके सेवन से बच्चे की सुंदरता पर भी असर पड़ता है. आइए, जानते हैं इस विषय पर क्या कहते हैं वैज्ञानिक अध्ययन और विशेषज्ञ.

Fish consumption in Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान आहार के विषय में कई तरह की राय सामने आती हैं. विशेषकर मछली के सेवन को लेकर यह धारणा है कि इससे न केवल मां को पोषण मिलता है, बल्कि बच्चे का मस्तिष्क भी बेहतर विकसित होता है. हालांकि, क्या यह सच है कि प्रेग्नेंसी में मछली खाने से बच्चे सुंदर और स्वस्थ होते हैं? आइए जानते हैं इस बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य और शोध.
गर्भावस्था में मछली खाने से कई फायदे हो सकते हैं. मछली, खासकर सी फूड, प्रोटीन, आयरन और जिंक का अच्छा स्रोत मानी जाती है, जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक होते हैं. ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, जिनमें डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (DHA) भी शामिल है, मस्तिष्क के विकास में मदद कर सकता है. इसके अलावा, DHA से बच्चे के मस्तिष्क और आंखों के विकास में भी सकारात्मक असर पड़ सकता है.
मछली खाने के फायदे और सावधानियां
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बच्चे के मस्तिष्क का विकास: गर्भवती महिलाओं के लिए मछली का सेवन बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में सहायक हो सकता है.
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हड्डियों की सेहत: मछली का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है.
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मोटापे और कैंसर का जोखिम कम करना: कुछ शोधों में यह पाया गया है कि मछली का सेवन बच्चे के वजन और मोटापे के जोखिम को कम कर सकता है, साथ ही कोलन और मलाशय के कैंसर के जोखिम को भी घटा सकता है.
मछली में पारे का स्तर और किसे करें परहेज
हालांकि, गर्भावस्था के दौरान मछली के सेवन में सावधानी बरतना जरूरी है. बहुत ज्यादा पारा वाली मछलियों से बचना चाहिए, क्योंकि इससे मां और बच्चे की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. FDA और EPA की सलाह है कि गर्भवती महिलाओं को हफ्ते में 8-12 औंस (224-340 ग्राम) मछली का सेवन करना चाहिए.
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कम पारा वाली मछलियां: एंकोवी, ब्लैक सी बास, पोलक, सैल्मन, सार्डिन और झींगा जैसी मछलियां कम पारा वाली मानी जाती हैं.
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अस्वस्थ मछलियां: कच्ची शेलफिश और तैयार-से-खाने वाली ठंडी-स्मोक्ड मछलियों से बचना चाहिए, क्योंकि ये लिस्टेरिया जैसे बैक्टीरिया से दूषित हो सकती हैं.
मछली के सेवन के लिए कुछ जरूरी दिशा-निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य एजेंसियां जैसे कि FDA की सलाह है कि गर्भवती महिलाएं केवल अच्छी तरह से पकाई गई मछली, मांस और अंडे का सेवन करें, ताकि किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया से बचा जा सके. साथ ही, यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी तरह के मांसाहारी उत्पाद को उचित तापमान पर पकाया जाए.
Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


